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आज दिव्यांगता मुक्त भारत की सफलता के लिये समर्पित की गंगा आरती!

रमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड़ शिविर का शुभारम्भ!

उत्तराखण्डः16 सितंबर 2024, सोमवार को देहरादून ऋषिकेश में माननीय प्रधानमंत्री भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर और उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी  के जन्मदिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड़ शिविर का शुभारम्भ किया गया।

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन, कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड़ एवं भारत अभियान विधिवत रूप से वर्ष 2022 से शुरू किया गया था। आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय विŸा, शहरी विकास, पुनर्वास जनगणना मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल जी, महावीर सेवा सदन के प्रमुख श्री विनोद बागरोड़िया जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने दीप प्रज्वलित कर दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड शिविर का उद्घाटन किया।

दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड, अभियान का शुभारम्भ ऋषिकेश से किया जा रहा है। पांच-पांच दिनों के शिविरों के माध्यम से दिव्यांग जनों तक पहुंच के साथ ही उनके लिये जरूरत के अनुसार कृत्रिम अंगों को निर्मित कर उन्हें भेंट किये जा रहे हैं। साथ ही दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंगों को लगा उसका अभ्यास भी करवाया जा रहा है ताकि वे चलना-फिरना व अपने कृत्रिम हाथों से सुचारू रूप से कार्य कर पाये। वही  ऋषिकेश के पश्चात नजीबाबाद, बडकोट, उत्तरकाशी, लेह, लद्दाख, कारगिल, जम्मू कश्मीर और अन्य पहाड़ी राज्यों व क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांगों तक कृत्रिम अंगों की सुविधायें पहुंचायी जा रही है।

वही स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दिव्यांगता मुक्त भारत दिव्यांगों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के संरक्षण हेतु समर्पित अभियान है। जो पूर्ण रूप से निःशुल्क है। स्वामी जी ने कहा कि यह एक अवसर है जब दिव्यांग जनों को समाज की मुख्य धारा में लाया जा सकता है ताकि उन्हें समान अवसर प्राप्त हो सके। स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांग जनों के लिये सुगम व सुलभ बनाना है।

माननीय मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल जी ने कहा दिव्यांगों के जीवन को सहज, सफल और सुविधाजनक बनाने की यह अद्भुत पहल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखंड में पहाड़ों पर दूर-दराज पर रहने वाले दिव्यांगों के लिये यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं है। परमार्थ निकेतन व महावीर सेवा सदन दिव्यांग जनों तक कृत्रिम अंगों को निर्मित करने हेतु पहाड़ों पर पहंुच रहे हैं यह वास्तव में अभिनन्दनीय है।

इस मौके पर  महावीर सेवा सदन के प्रमुख  विनोद बागरोड़िया जी ने बताया कि पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से विगत 47 वर्षों से हम भारत के विभिन्न राज्यों में निःशुल्क दिव्यांगता मुक्त शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। पूज्य स्वामी जी ने मार्गदर्शन में अब इसका विस्तार पहाड़ी क्षेत्रों में भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिविरों के माध्यम से कृत्रिम अंग, कैलिपर्स, कृत्रिम हाथ, संशोधित जूते, बैसाखी, वॉकर और अन्य कृत्रिम अंग वितरित किये जा रहे हैं जो पूर्ण रूप से निःशुल्क है।
इस अवसर पर श्रीमती आशा बागरोड़िया,  अरूण सारस्वत , सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य संदीप, आचार्य दीपक,  मुकेश ,  राजेश, श्री राम , रामचन्द्र शाह,  राकेश रोशन, वर्षा शर्मा, स्वामी सेवानन्द , रोहन, करूणा,  प्रेम,  हेम एवं परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार उपस्थित थे।

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