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अब उठी किसान राष्ट्र व किसान बोर्ड की मांग! स्वामी शैलेन्द्र

उत्तराखण्डः 23-DEC. 2024, सोमवार को किसान दिवस पर  अब किसान राष्ट्र व किसान बोर्ड की मांग। हिन्दू राष्ट्र व सनातन बोर्ड के बाद उठीं किसान राष्ट्र व किसान बोर्ड की मांग। जबकि कुम्भ में ही हिन्दू राष्ट्र व सनातन बोर्ड की धार तेज करने की तैयारी है ।

वही  बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के हिंदू राष्ट्र। देवकी नंदन ठाकुर के सनातन बोर्ड के मांग के बाद अब उठी किसान राष्ट्र व किसान बोर्ड की मांग। विश्व के पहले किसान पीठाधीश्वर किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने मांग किया है। उन्होंने ने कहा कि किसी के लिए किसान कुछ भी हो ।लेकिन हमारे लिए भगवान व देवता से कम नहीं है किसान। आज योगिराज सरकार ने कहा कि भारतवर्ष को किसान राष्ट्र घोषित किया जाए और किसान बोर्ड का गठन किया जाए। जिससे सब का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान्न देवता को फसल का उचित दाम मिल सके।

जिससे किसान की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सके। क्योंकि पेपरों व सूचना तंत्र के माध्यम से अक्सर सुनने को मिलता है कि अन्नदाता किसान खेत खलिहान में ठंडी में खेती करते हुए ठंड से ठिठुर कर मर गया। हमारे आपके भरण पोषण के लिए गर्मी में लूं से मर जाता है। बारिश में बिजली गिरने से मर जाता है। खेतों में काम करते हुए सर्पदंश से मर जाता है। लेकिन किसान हिम्मत नहीं हार रहे हैं अभी भी हमारे आपके लिए अन्न फल फूल पैदा कर रहे हैं। लेकिन फिर भी उनकी उपेक्षा हो रही है। जब किसान राष्ट्र घोषित हो जाएगा तो किसानों के लिए प्रोटोकॉल बन जाएगा।

तभी जाकर किसान का भला होगा और किसान मजबूत होगा। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान को किसान सबसे प्रिय है।

 इस लिए किसान राष्ट्र घोषित कर सभी विवाद पर विराम लगाया जा सकता है और सभी को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। सिर्फ किसान ही एक ऐसा है जिसके माध्यम से सब एक हो सकतें हैं। और कोई दूसरा रास्ता नहीं है सभी को एक करने का।क्योंकि देश की 70 फीसदी आबादी गांव में बसती है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। भारत गांव में बसता है। भारत की आत्मा प्राण प्रतिष्ठा यूं कहे तो भारत की जान किसानों में बसती है। देश की आर्थिक समृद्धि और विकास का रास्ता हमारे गांव से होकर गुजरता है। इसीलिए हमने विश्व का पहला किसान्न देवता का मंदिर उत्तर प्रदेश के पट्टी प्रतापगढ़ जिले में बनवाया। मैं चाहता हूं कि किसान्न देवता की गांव-गांव घर-घर पूजा अर्चना इबादत प्रेयर होनी चाहिए किसान की कोई जाति नहीं होती है किसान सभी जाति धर्म का होता है। वह हिंदू मुस्लिम सिख इसाई जैनिस्ट बौधिष्ट आदि सब में होता है। किसान का ही बेटा समस्त धर्म का धर्मगुरु धर्माचार्य राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री नेता अभिनेता खिलाड़ी उद्योगपति पूंजीपति सिंगर डायरेक्टर प्रोड्यूसर वैज्ञानिक प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार बंधु आदि आईएएस पीसीएस डॉक्टर इंजीनियर जज आदि बनता है।हमारा देश ऋषि और कृषि प्रधान देश रहा है।

किसान राष्ट्र घोषित हो किसान बोर्ड का गठन हो। साहब हम किसान है हम भी हैं सम्मान के हकदार हैं। हमें भी अपनी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए। जैसे उद्योपतियों को उनकी उत्पादन का मूल्य मिलता है और उद्योगपति स्वयं अपने उत्पाद की कीमत तय करता हैं।

 सीमा पर सुरक्षा कर रहे सुरक्षा कर्मियों के लिए खेत में काम करते हैं डाक्टर बैज्ञानिक इंजीनियरिंग पत्रकार वकील आदि के लिए खेतों में काम करते हैं।साहब हम किसान है।हम भी सम्मान के हकदार हैं। हम अन्नदाता है हम भी देश की उन्नति और समृद्धि में सहयोगी है।साहब हम भी सम्मान के हकदार हैं। हम किसान कम पढ़े लिखे जरूर है लेकिन किसानों ने बड़े बड़े संतों महात्माओं को जन्म दिया है। हम कम पढ़े लिखे जरूर है कि लेकिन किसानों ने धर्म गुरु को पैदा किया है। हम किसानों ने देस में बड़ी बड़ी हस्तियां राजनेता पैदा किया।

लेकिन अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा योगदान किसान और पत्रकार का है। किसान खेती में जान की बाजी लगाकर काम कर रहा है और पत्रकार जान की बाजी लगाकर खबर कवर कर सासन तक आवाज पहुंचा रहा है।
कहते हैं घूर के भी दिन बदले हैं।अब वह समय आ गया है। अब किसान के भी दिन बदलेंगे। किसान राष्ट्र घोषित होगा।किसान बोर्ड का गठन होगा। और किसान भी अपनी फसल का मूल्य तय करेंगा।मै देवी देवताओं व तीर्थस्थलों व महापुरुषों के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर शक्ति इकठ्ठा कर रहा हूं। किसान राष्ट्र घोषित हो व किसान बोर्ड का गठन हो की मांग करता हूं। किसी के लिए किसान चाहें कुछ भी हो लेकिन हमारे लिए भगवान व देवता से कम नहीं है।

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