कर्नाटक/उत्तराखण्ड :25 सितंबर 2024, बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने आज मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांच का आदेश पारित किया है। कर्नाटक लोकायुक्त की मैसूर जिला पुलिस MUDA घोटाले की जांच करेगी और तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने एक निजी शिकायत के साथ जन प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
विशेष अदालत के न्यायाधीश, संतोष गजानन भट्ट का आदेश, उच्च न्यायालय द्वारा MUDA द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को 14 साइटों के आवंटन में अवैधताओं के आरोपों पर सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया। उच्च न्यायालय ने अपने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसमें जन प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत को मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायतों पर निर्णय को स्थगित करने का निर्देश दिया गया था और जांच के आदेश देने के लिए हरी झंडी दे दी थी।
इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरूद्ध जांच के लिए राज्यपाल द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा (एमयूडीए) पॉश क्षेत्र में उनकी पत्नी को किये गये 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उनके खिलाफ राज्यपाल थारवरचंद गहलोत द्वारा दी गयी जांच की मंजूरी को चुनौती दी थी।