मुश्किल में आपदा प्रभावित, प्रभावितों का नेताओं पर फूटा गुस्सा
उत्तराखण्ड : 29 जुलाई 2024 ,देहरादून। उत्तराखंड में मानसूनी आपदा से गांव के गांव उजड़ गए हैं, बेघर लोग अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित है वही सरकारी मशीनरी और सरकार से मिलने वाली सहायता को लेकर भी लोगों में भारी आक्रोश है। आपदा प्रभावितों का हाल जानने वाले नेताओं को अब उनके गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है आपदा प्रवाहितो के विस्थापन की व्यवस्था पर इन नेताओं के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। उधर अभी भी पूरे राज्य में कहीं सामान्य तो कहीं भारी बारिश होने से लोग भयभीत हैं।
टिहरी के तोली और तिनगढ़ गांव में भारी बारिश से तबाही के कारण लोगों को अपना घर—बार छोड़ने पर विवश होना पड़ा है। तिनगढ़ के 55 परिवार स्थानीय स्कूल में ठहराए गए हैं लेकिन सवाल यह है कि सरकार इनके विस्थापन के लिए कोई स्थाई तो क्या अस्थाई व्यवस्था भी कहीं नहीं कर पा रही है। मंत्री और नेताओं का इनके हाल—चाल जानने के लिए यहां आना—जाना तो हो रहा है लेकिन इससे उनकी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। नेता भी उन्हें आश्वासन देने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
उधर अभी राज्य में झमाझम बारिश का दौर जारी है। रुद्रप्रयाग के ढोलिया देवी के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे बंद हो गया है तथा मार्ग पर दोनों और बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। उधर कोटद्वार में पनियाली नाले के उफान पर आने से कौड़िया बस्ती के कई घरों में पानी और मलवा घुस गया है बागेश्वर में हो रही भारी बारिश के कारण खड़िया खनन खान में पानी भर गया है तथा मंदिर बह गया है। बागेश्वर में अब तक 100 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कपकोट तहसील के चचई गांव में 6 घर भूस्खलन की जद में आ गए हैं जिन्हें खाली करा लिया गया है। गांव के ऊपर बनाए जा रहे मोटर मार्ग के कारण इन घरों पर संकट बना हुआ है।
उधर गंगोत्री में ग्लेशियर टूटने से गंगा में आए भारी पानी के करण शिवानंद आश्रम और शारदा कुटीर के बह जाने की खबर है। यही नहीं यहां लंगर भवन और मंदिर समिति का गेस्ट हाउस भी खतरे की जद में आ गया है तथा तमाम घाटों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य में हो रही भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी सभी जिलाधिकारियों तथा एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।