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क्या है भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी? जिसका जिक्र कर पीएम मोदी ने वियतनाम को बताया महत्वपूर्ण भागीदार

भारत और वियतनाम ने अपने रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने के लिए गुरुवार को एक नई कार्य योजना अपनाई। वियतनामी प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और वियतनाम स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए अपना सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली विस्तारवाद का नहीं विकास का समर्थन करती है। वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विजन में हमारा महत्वपूर्ण भागीदार है। इंडो-पैसिफिक को लेकर हमारे विचारों में अच्छा समन्वय है।’ हम विकासवाद का समर्थन करते हैं, विस्तारवाद का नहीं। मोदी ने कहा, हम स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए अपना सहयोग जारी रखेंगे।
अपने वियतनामी समकक्ष के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सहयोग के सभी क्षेत्रों पर चर्चा की और भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए कई कदम उठाए। मोदी ने कहा कि भारत के विकसित भारत 2047 विजन और वियतनाम के 2045 विजन के कारण दोनों देशों में विकास को गति मिली है। आज की हमारी चर्चा में, हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की और भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए कई कदम उठाए।
एक्ट ईस्ट पॉलिसी आसियान देशों के आर्थिक एकीकरण और पूर्वी एशियाई देशों के साथ सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है। भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत 4सी पर फोकस रखा गया। इनमें कल्चर, कॉमर्स, कनेक्टिविटी, कैपसिटी बिल्डिंग हैं। सुरक्षा भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का एक महत्त्वपूर्ण आयाम है। दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में बढ़ते चीनी हस्तक्षेप के संदर्भ में भारत द्वारा नौपरिवहन की स्वतंत्रता हासिल करना और हिंद महासागर में अपनी भूमिका स्पष्ट करना ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी की एक प्रमुख विशेषता है। भारत ‘क्वाड’ नामक भारत-प्रशांत क्षेत्र आधारित अनौपचारिक समूह के माध्यम से भी ऐसे प्रयास कर रहा है।

 

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