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हिमालय सुरक्षा केवल सरकार का ही कार्य नहीं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी: CM

उत्तराखंड: 09 सितंबर. 2025, मंगलवार को देहरादून ।  आईआरडीटी सभागार में आयोजित हिमालय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय मात्र बर्फीली चोटियों और विस्तृत पर्वतमालाओं का समूह नहीं है बल्कि ये सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्रोत भी है। हिमालय न केवल भारत के उत्तर में अटल प्रहरी का काम करता है, बल्कि इसकी पर्वतीय नदियाँ पूरे देश की जीवनधारा हैं।
 इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय की ऊंची चोटियां, विस्तृत ग्लेशियर, नदियां और जैव विविधता से भरपूर वन हमें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराते हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हिमालय से निकलने वाली नदियां देश के करोड़ों लोगों की प्यास बुझाती हैं वहीं इस पर पाए जानी वाली दुर्लभ जड़ी बूटियां आयुर्वेद का आधार हैं।
सीएम धामी
ने कहा कि आज हमारी इस अमूल्य धरोहर को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है, जो आने वाले समय में गंभीर जल संकट और पारिस्थितिकीय असंतुलन की बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हिमालयी क्षेत्र में वर्षा की तीव्रता लगातार बढ़ रही है और अप्रत्याशित क्लाउड बर्स्ट तथा उनके परिणामस्वरूप भूस्खलन जैसी आपदाएँ बार-बार घटित हो रही हैं। इन घटनाओं की आवृत्ति और उनके प्रभाव दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमारे राज्य को कई भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इन गंभीर चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों के बीच समन्वय स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।
वही उन्होने  कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए, गत वर्ष सरकार ने उच्च स्तरीय समिति के गठन के लिए निर्देश जारी किए थे। अब इस वर्ष नवंबर में राज्य में जलवायु परिवर्तन पर ‘विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन’ का भी आयोजन किया जा रहा है।
इस दौरान सीएम धामी  ने कहा कि हिमालय की सुरक्षा केवल सरकार का ही कार्य नहीं है, बल्कि ये देश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सहयोग एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार हिमालय संरक्षण को लेकर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वही उन्होने   कहा कि राज्य में प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम प्रारम्भ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। उनका ज्ञान, परंपराएं और जीवनशैली हमें सिखाती हैं कि किस प्रकार हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जी सकते हैं
इस मौके पर पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि इस साल समूचे हिमालयी क्षेत्र में आपदाएं आई हैं, अब साल दर साल इस तरह की घटनाओं से मानसून काल डराने लगा है। हमें हिमालय के पर्यावरण को बचाने के लिए नए सिरे से सोचना होगा।
इस मौके पर विधायक श्री किशोर उपाध्याय, मेयर श्री सौरभ थपलियाल, दर्जाधारी श्रीमती मधु भट्ट, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, श्री सूर्यकांत धस्माना सहित प्रमुख लोग शामिल हुए।

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