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सड़क पर न पढ़ें नमाज और कुर्बानी की फोटो नहीं खींचें: फरंगी महली

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी। मजिस्दों में विशेष नमाज की तैयारियां शुरू हो गई है। बकरीद इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया इंडिया के अध्यक्ष व इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एडवाइजरी जारी की है। मौलना ने अपली की है कि सड़कों के बजाए मजिस्दों में ही नमाज पढ़ें और कुर्बानी की न तो फोटो न खीचें और न ही इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करे। बकरीद पर लगातार तीन दिन तक कुर्बानी दी जाती है। फरंगी महली ने हिदायत देते हुए कहा कि ईदगाह और मजिस्दों के अंदर ही नमाज पढ़ी जाए, सड़कों पर न अदा की जाए। बकरीद पर अपनी हैसियत के अनुसार कुर्बानी करना वाजिब है। हमेशा की तरह उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं है। कुर्बानी वाली जगहों पर सफाई का विशेष इंतजाम किया जाए। खुली जगह या सड़क के किनारे, गली और पब्लिक स्थानों पर कुर्बानी न की जाए। जानवरों की गंदगी रास्तों या पब्लिक स्थानों पर न फेंके बल्कि नगर निगम के कूडेदानों का प्रयोग करें। कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहाएं। उसकों कच्ची जमीन में दफन कर दें ताकि वह पौधों और पेड़ों की खाद बन सके। जानवर के गोश्त की तकसीम अच्छी तरह पैक करके की जाए। गोश्त का तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को जरूर दिया जाए। कुर्बानी करते समय न तो फोटो ली जाए, न वीडियो बनाया जाए और न उसको इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया जाए। नमाज के बाद सख्त गर्मी से राहत के लिए दुआ की जाए। ईद उल अजहा के तीन दिनों (17,18,और 19 जून) में कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं, खुदा पाक की पसंदीदा इबादत है।

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