देहरादून/उत्तराखण्ड: 27 AUGUST-2023: खबर… राजधानी से रविवार को आज देहरादून के थाना डालनवाला क्षेत्र मे ईसी रोड स्थित क्रांस मॉल से पुलिस ने दून शहर के मशहुर वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को किया गिरफ्तार ..! वही इसी के साथ रविवार को उत्तराखण्ड पुलिस ने विरमानी को न्यायालय देहरादून में पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सूत्रो की माने तो कई दिन की विरमानी आंख मिचौली के बाद अपने ही घर के पास से ही हत्थे चढ़ गए। वही इस दौरान सूत्रों के अनुसार (Advocate) अधिवक्ता को पुलिस किसी गुप्त स्थान पर ले गई। जहां उनसे देर रात तक पूछताछ की गई।
वही विरमानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुंशी और वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का खेल किया। मामले में अब तक 9 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। वही इस मामले में कचहरी में और कई बड़े लोगों की तरफ उंगलियां उठने लगीं। इसी बीच नाम आया वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी का। इसी के साथ साक्ष्य नहीं मिलने से पुलिस विरमानी पर हाथ नहीं डाल पा रही थी, लेकिन तीन दिन पहले विरमानी के मुंशी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इससे यह बात पुष्ट हो गई कि विरमानी का सीधे तौर पर इस मामले में हाथ है। वही सूत्रो की माने तो बताया जा रहा है कि विरमानी ने 50 करोड़ से भी ज्यादा के वारे न्यारे इस जालसाजी में कर डाले।
सूत्रों के अनुसार रविवार को पुलिस विरमानी को गिरफ्तार कर साथ ही किसी गुप्त स्थान पर ले गई है। उनसे वहां पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस मामले में आधिकारिक खुलासा कर सकती है।
बता दे कि जनपद देहरादून स्थित कचहरी में रजिस्ट्रार ऑफिस में पुराने बैनामों में छेड़छाड़ का मामला डेढ़ महीने पहले सामने आया था। प्राथमिक जांच के बाद देहरादून की डीएम ने कोतवाली देहरादून को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी इमरान का नाम सामने आया।
वही इस दौरान देहरादून के (SSP/DIG ) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान रविवार को देहरादून के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने अधिवक्ता कमल विरमानी की गिरफ्तारी के संबंध में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार कार्यालय में जिल्दों से छेड़छाड़ और फर्जी रजिस्ट्रियों से जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले में 15 जुलाई 2023, को देहरादून शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। बता दे कि अभी तक इस गोरखधंधे में 9 लोग गिरफ्तार किया जा चुके हैं।
देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर के मुताबिक दून के मशहुर अभियुक्त कमल विरवानी की गिरफ्तार से पूछताछ में यह बात सामने में आई कि अभियुक्त सहारनपुर निवासी केपी सिंह (कुंवर पाल) को काफी सालों से जानता था.के०पी०सबसे पहले वकील विरमानी के पास डालनवाला एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था।
सामने अभियुक्त ने उसकी काफी मदद की थी। उसके पश्चात के०पी० ने अभियुक्त विरमानी को सहारनपुर के कुछ जमीनों के पुराने रजिस्ट्री बनवाकर अपने व अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ों रुपए कमाने की बात बताई. इसके बाद के०पी० द्वारा देहरादून में भी पुरानी और विवादित जमीनों पर इसी तरह काम करने के लिए कमल विरवानी से सलाह मांगी गई थी।
रुपयों के लालच में आकर अभियुक्त अधिवक्ता विरमानी ने के०पी० को क्लेमेंनटाउन,पटेल नगर,रायपुर नवादा और रैनापुर से संबंधित जमीनों के बारे में बताया.इसके उपरांत अभियुक्त विरमानी ने उन जमीनों की रजिस्ट्रीयों का मैटर (ड्राफ्टिंग)बनाकर दिया था.। वही इस दौरान पुलिस जांच में यह जानकारी भी सामने आयी कि अभियुक्त वकील अपने मुंशी रोहिताश और वकील इमरान को के.पी. से मिलाकर रजिस्टार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए बताया था.।
वही पुराने स्टाम्प पेपर और मोहरों की व्यवस्था के.पी. करता था। तथा उनमें जो भी मैटर ड्राफ्टिंग लिखा जाता था। वह अभियुक्त विरमानी इनको बनाकर देता था। इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहिताश द्वारा रजिस्टार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री,डालचंद और विकास पांडे की सहायता से उन फर्जी कागजों को रिकॉर्ड रूप में रख दिए जाते थे।
इसके बाद अभियुक्त कमल विरमानी द्वारा उनसे संबंधित केसों की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज कर दिया जाता था। पुलिस SIT के अनुसार अभियुक्त कमल विरमानी से पूछताछ में कई अन्य अभियुक्तों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। जिनके संबंध में एसआईटी टीम द्वारा गहन जांच एवं साक्ष्य संकलन कर आगे की कार्रवाई की जारी है।