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जम्मू कश्मीर की सात सीटों पर सपा चुनाव लड़ने की तैयारी में

लखनऊ/उत्तराखण्ड :28 अगस्त 2024 ,। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी अगले महीने सितंबर में जम्मू कश्मीर और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी भी मैदान में उतारेगी। भले ही इससे पार्टी को कोई खा फायदा नहीं होगा, लेकिन अखिलेश यादव, जो अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए जी तोड़ कोशिशें कर रहे हैं। उसके लिये यह चुनाव फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं। राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने और दूसरे राज्यों में अपना विस्तार करने के लिए समाजवादी पार्टी जम्मू कश्मीर की सात सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। अखिलेश ने जे एंड के में चुनावी तैयारी के लिए जियालाल वर्मा को जम्मू-कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

वर्मा ने प्रत्याशियों के नामों की सूची भी अखिलेश यादव को सौंप दी है। आजकल में इस सूची का ऐलान हो सकता है। गौर करने वाली बात यहां ये है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी बिना कांग्रेस के गठबंधन के उतर रही है। सपा ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ काफी अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन कश्मीर के कांग्रेस गठबंधन में सपा को जगह नहीं मिल पाई है।सपा जम्मू-कश्मीर की जिन सात सीटों पर उम्मीदवारों उतारने की तैयारी कर रही है। ये सभी सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इसमें से पुलवामा, राजपोरा, कुलगाम, सोपोर, अनंतनाग, और किश्तवाड़ वो सीटें हैं, जहां सपा अपने प्रत्याशी उतारेगी।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस ने सपा से किसी तरह का सियासी समझौता नहीं किया है, यहां कांग्रेस, फारूख अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। ऐसे में समाजवादी पार्टी को जम्मू-कश्मीर में गठबंधन में कोई सीट मिले, इसकी उम्मीद कम है, इसके बावजूद अखिलेश ने कश्मीर में किस्मत आजमाने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसा नहीं सपा कश्मीर में पहली बार चुनाव लड़ रही है। सपा यहां पहले भी अपने उम्मीदवार उतार चुकी है।

शेख अब्दुल रहमान सपा की ओर से विधायक और सांसद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कॉन्फिडेंस में नजर आ रहे हैं और पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने में लग गए हैं. जिसके लिए महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में गठबंधन से सीटों की मांग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ इन प्रदेशों में उनकी बात बनती नहीं दिख रही है।

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