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राज्य आंदोलनकारीयों ने आक्रोश सरकार एवं सचिवालय दोनों से नाराजगी जताई

उत्तराखंड: 21 Dec.2025, रविवार को देहरादून / राजधानी स्थित  कचहरी  परिसर में शहीद स्मारक पर  उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई ।  जिसमे राज्य स्थापना दिवस के रजत वर्ष के अवसर पर राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिँह धामी जी द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के लिए की गई ।  विभिन्न घोषणाओ का शासनादेश आज एक डेढ़ माह भी जारी न होने के खिलाफअपना आक्रोश सरकार एवं सचिवालय दोनों से नाराजगी जताई एवं आक्रोश व्यक्त किया.।  वही इस बैठक  की अध्यक्षता श्रीमती सत्या पोखरियाल  ने की एवं संचालन पूर्ण सिंह लिंगवाल ने किया।

इस दौरान बैठक को सम्बोधित करते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगमोहन सिँह नेगी ने कहा की रजत वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आंदोलनकारी के पक्ष मे पेंशन वृद्धि विकलांग आंदोलनकारियो की पेंशन वृद्धि अटेंडेंट की व्यवस्था चिन्हिकरण की तिथि 6 माह बढ़ाये जाने समेत कई अन्य घोषणाएं की थी। जिनका आजदिन तक कोई शासनादेश जारी न होना निश्चित रूप से सचिवालय की अधिकारियो की मुख्यमंत्री की आदेशों की अवहेलना हैं, और इतने दिन बाद भी मामला लटका हुआ हैं।

 साथ ही अध्यक्षता करते हुए सत्या पोखरियाल ने कहा कि चिन्हिकरण सभी लोगों का होना चाहिए जो राज्य आंदोलन मे शामिल रहे हैं ,और ऐसे लोगों कि संख्या अब बहुत सिमित रह गई हैं। इनका कहना था कि सरकार ने 2010 से जिला स्तर पर चिन्हिकरण कमेटी गठित कि थी कि जो नाम कमेटी चयनित कर दें या कि यह आंदोलनकारी था उसे आंदोलनकारी के रूप मे चिन्हित किया जाए।

राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश महासचिव राम लाल खंडूरी ने इस बात पर की सचिवालय के अधिकारियो ने राज्य आंदोलनकारी के प्रवर समिति,मंत्री समिति एवं विधानसभा से सर्व सम्मति से सभी चिन्हित आंदोलनकारीयों के आश्रितो को 10% आरक्षण का लाभ दिए जाने का क़ानून बनाया था.। लेकिन साशन मे अधिकारियो ने इसमें नौकरी वाले आंदोलनकारी कर्मचारियों के आश्रित को इसका लाभ न देने का आदेश कर दिया जो सरकार विधानसभा द्वारा पारित मूल एक्ट का उलंघन हैं।

अधिकारी अपने को विधानसभा से बड़ा समझने लगे हैं. वो मुख्यमंत्री कि घोषणाओ को भी गंभीरता से नहीं लें रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी से इसमें हस्तेक्षप कर सुधार कर शीघ्र आदेश जारी करने की मांग की हैं।  इस दौरान प्रदीप कुकरेती ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं मे सुधार के साथ पर्वतीय छेत्रो मे जंगली जानवरो के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की.पुष्पलता सिलमाना  एवं द्वारिका बिष्ट  ने आयु सीमा मे भी पांच साल की छूट प्रदान करने की मांग के साथ साथ मंच के आगामी धरने घेराव के कार्यकर्मो मे समस्त मातृ शक्ति से बढ़ चढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज़ करने का आह्वान किया।  साथ ही आंदोलनकारी चिन्हिकरण मे पांचवा मानक शामिल करते हुए शीघ्र आदेश जारी करने की मांग की।

बैठक के अंत मे सर्व सम्मति से सचिवालय से साशनादेशो में बरती जा रही लापरवाही के खिलाप आगामी 30 दिसंबर को प्रथम चरण में दीन दयाल पार्क में धरना दिया जायेगा. अगर सुधार नहीं हुआ तो आगामी 16 जनवरी 2026 को सचिवालय का घेराव किया जायेगा।

 वही इस मौके पर मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी,प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूरी,प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती,केशव उनियाल,पुष्पलता सिलमाना,द्वारिका बिष्ट अरुणा थपलियाल राधा तिवारी,,संचालक पूर्ण सिँह लिंगवाल,धर्म पाल सिंह रावत,हरी मेहर,गणेश डंगवाल,राकेश चंद्र कांडपाल,विनोद नौटियाल,संगीता रावत,सावी नेगी,आशा नौटियाल,विक्रम सिंह राणा,यशोदा ममगाई,विनोद नौटियाल,सुनील नारायण शर्मा,रामेश्वरी नेगी,प्रभात डंडरियाल,विनोद असवाल,निधि भट्ट,दुर्गा बहादुर छेत्री,सुधीर नारायण शर्मा,दीपेश प्रसाद सेमवाल समेत बड़ी संख्या मे आंदोलनकारी उपस्तिथ थे ।

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