RSS की प्रचारक बैठक 12 जुलाई से रांची में होगी शुरू, चुनाव परिणाम और आगे के एजेंडे पर होगी चर्चा
रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 12 जुलाई से रांची में शुरू होने वाली अपनी आगामी तीन दिवसीय बैठक में जाति विभाजन के विपक्ष के आख्यान से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेगा, हाल के चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेगा और दलित और पिछड़े समुदायों के साथ संबंध बढ़ाएगा। प्रचारकों और संगठनात्मक प्रमुखों के लिए प्रचारक बैठक की अध्यक्षता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत करेंगे, महासचिव दत्तात्रेय होसबोले बैठक का संचालन करेंगे। दोनों पदाधिकारी पहले ही रांची आ चुके हैं।
आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि आरएसएस के प्रचारक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष भी विभिन्न राज्यों और संगठनों के लगभग 277 ‘प्रचारकों’ के साथ बैठक में शामिल होंगे। बैठक के एजेंडे में जमीनी स्तर पर जुड़ाव और सामाजिक एकजुटता को मजबूत करने के उद्देश्य से विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। विभिन्न जातियों और धर्मों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई ‘शाखा विस्तार’ और ‘सज्जन शक्ति’ जैसी नवीन जमीनी स्तर की पहलों पर चर्चा की जाएगी। ‘शाखा विस्तार’ को देश के गांवों और कस्बों में आरएसएस के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के रूप में जाना जाता है।संगठन अब अपना दायरा बढ़ाने पर काम कर रहा है और इसमें सभी जातियों और धर्मों के सदस्यों को शामिल करना चाहता है। उदाहरण के लिए, संघ केरल में शाखाओं में ईसाइयों को शामिल करने की संभावना तलाश रहा है। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि शाखाएँ सभी जातियों और पंथों के लिए खुली हैं। शाखाओं में, स्वयंसेवक देशभक्ति, राष्ट्रीय अखंडता और राष्ट्र निर्माण के विचारों के बारे में सीखते हैं। एजेंडे में हाल के चुनाव परिणामों का विस्तृत विश्लेषण भी शामिल है, जिसमें मतदाता व्यवहार और जनसांख्यिकीय रुझान को समझने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, जन जागरूकता (लोक जागरण) के प्रयासों और मतदाता मतदान (मतदान प्रतिशत) बढ़ाने की रणनीतियों की समीक्षा की जाएगी। एक मुख्य आकर्षण ‘संपर्क अभियान’ होगा, जिसमें विभिन्न संगठनों के बीच समन्वय शामिल होगा, जिसका उद्देश्य सामुदायिक आउटरीच और संगठनात्मक तालमेल को गहरा करना है।