उत्तराखंड: 16 जून 2024, हरिद्वार। गंगा दशहरा में विभिन्न पवित्र घाटों पर रात से ही श्रृद्धालुओं ने स्नान करना शुरू कर दिया था, जबकि दिनभर काफी बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं का लगातार आना जारी रहा। घाटों, सड़कों, गलियों आदि सभी जगह श्रृद्धालुओं की भारी भीड़ रहीं। वीकेंड, छुट्टियां एवं चारधाम यात्रा के कारण धर्मनगरी में पहले से ही काफी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। कड़ी धूप में मेहनत के साथ हरिद्वार पुलिस द्वारा लगातार व्यवस्था बनाई जा रही थीं। चिलचिलाती धूप में यातायात व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए सड़कों पर एसएसपी को भी उतरना पड़ा। एसएसपी ने बढ़ते तापमान के बीच धैर्य बनाकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए अधिनस्थों को किया प्रोत्साहित। विभिन्न प्वाइंट पर तैनात कर्मियों के लिए शीतल पेय उपलब्ध कराने के जोनल एवं सैक्टर ऑफिसर्स को निर्देश दिए।
आज गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के पावन स्नान पर्व पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु तड़के से ही हरकी पैड़ी पर जुटने लगे और गंगा स्नान व दान कर पुण्य कमाया। वहीं हरकी पैड़ी पर इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भी कनखल में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान किया। पुरोहितों का मानना है कि गंगा दशहरा का पर्व तब से शुरू हुआ जब से मां गंगा धरती पर अवतरित होकर हरिद्वार में आईं। इसी दिन गंगा पुत्र भीष्म का भी जन्मदिन होता है। मान्यता है कि इस दिन हरिद्वार हरकी पैड़ी में स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का शमन होता है। गंगा दशहरा का महात्म्य 10 योग से भी जुड़ा है। इसी योगिनियों में मां गंगा का अवतरण हरिद्वार में हुआ। इन योग की गणना ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि में चंद्रमा, वृष राशि में सूर्य, तातिल करण आदि से जोड़ा जाता है। इस 10 योग में इस बार गंगा दशहरा पर छह योग बने हैं।