75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यपाल ने दी बधाई एवं संदेश!
यह गणतंत्र दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद वह शुभ घड़ी आई!
देहरादून/उत्तराखण्ड: 25 Jan.–2024: खबर…. राजधानी से बृहस्पतिवार को उत्तराखण्ड राजभवन देहरादून में 75 वें गणतंत्र दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को राज्यपाल उत्तराखण्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इस दौरान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या में जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारतीय संविधान के प्रणेता बाबा साहेब आंबेडकर सहित सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं का भावपूर्ण स्मरण किया है। वही इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर कल यानी 26 जनवरी को उत्तराखण्ड: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) शुक्रवार 26 जनवरी, 2024 को प्रातः 9ः30 बजे राजभवन प्रांगण में तथा 10ः30 बजे परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण करेंगे। उन्होंने देश की सुरक्षा में तैनात सैन्य बलों और सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को सैल्यूट करते हुए देश की रक्षा में शहीद हुए वीर जवानों को नमन किया है।
वही इस मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि गणतंत्र दिवस-2024 हमारे लिए विशेष है। हमने अपने गणतंत्र की स्थापना के 74 वर्ष पूर्ण करते हुए 75वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। आजादी का अमृत महोत्सव के साथ-साथ गणतंत्र का भी यह अमृत महोत्सव है इसलिए गणतंत्र के अमृत काल का यह कालखण्ड नए सपने, नए संकल्प और नित्य-नूतन सिद्धियों का समय है। उन्होंने कहा कि यह गणतंत्र दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी को वह शुभ घड़ी आई, जब भगवान श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न हुआ है। आज के पावन अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि अपने देश और प्रदेश को राम राज्य की अवधारणा के अनुरूप आत्मनिर्भर, समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए पूरे सामर्थ्य से अपना योगदान देंगे।
साथ ही उन्होनें ने कहा कि साल 2023 भारतवर्ष के लिए भी उपलब्धियों से भरा रहा। भारत ने जी-20 की अध्यक्षता कर पूरी दुनिया को जहां एक ओर वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया वहीं दूसरी ओर अपनी वैश्विक नेतृत्व की क्षमता को प्रदर्शित किया। चंद्रयान-3 लॉन्च कर भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना। दुनिया के सबसे तेज़ 5-G रोलआउट को हासिल करना, डिजिटल पेमेंट में सबसे ऊपर रहना, दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट डील और सौर मिशन आदित्य एल-1 सहित एशियन गेम्स में 100 से अधिक मेडल जीतना दर्शाता है कि हम मिशन-2047 के सर्वश्रेष्ठ और विश्व गुरू भारत के लक्ष्य की ओर सही और स्पष्ट रूप से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के विकास के साथ युवा उत्तराखंड भी प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर है। हमने गत 23 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, किन्तु सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने के लिए अभी हमें लंबा सफर तय करना है। साल 2024 में, हम सभी का समर्पण भाव, इच्छाशक्ति और कार्यशैली हमारे प्रदेश की दशा और दिशा तय करने वाली है। इसलिए उत्तराखण्ड को इस दशक में देश का विकसित, सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने के लिए हम सबको संकल्प, सिद्धि और सामर्थ्य के साथ अपना योगदान करना होगा।
देवभूमि उत्तराखंड ने बीते साल में विभिन्न क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की। इसका नतीजा है कि 2025 में विकसित उत्तराखंड का लक्ष्य हासिल होता नजर आने लगा है। प्रदेश की मातृशक्ति, युवा, सैनिक और किसानों को केंद्र में रखकर कई योजनाओं को धरातल पर उतारा गया। केन्द्र और राज्य के बीच बेहतर तालमेल से केन्द्रीय योजनाओं से मिल रही मदद से राज्य के विकास में अभूतपूर्व तेजी आयी है।
राज्यपाल ने कहा कि साल 2024 में, हम सभी का समर्पण भाव, इच्छाशक्ति और कार्यशैली हमारे प्रदेश की दशा और दिशा तय करने वाली है, इसलिए उत्तराखण्ड को इस दशक में देश का विकसित और अग्रणी राज्य बनाने के लिए हम सबको संकल्प, सिद्धि और सामर्थ्य के साथ अपना योगदान करना होगा और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कथन ‘‘21वीं सदी का ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा’’ को साकार करना होगा।
प्रदेश के युवा हमारी ताकत हैं। आप सभी युवा देश एवं राज्य के वर्तमान भी हैं और भविष्य भी हैं। आपके सामर्थ्य, सेवाभाव, लगन, देश, प्रदेश व समाज को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। आपके प्रयास, आपके परिश्रम, आपकी शक्ति के बूते ही विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और सर्वश्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन हमारे प्रदेश की आर्थिकी का बड़ा जरिया है। इस वर्ष चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केदारखंड की तरह ही प्रदेश में एक और धार्मिक सर्किट मानसखंड मंदिर माला मिशन पर कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के आदि कैलाश और जागेश्वर धाम भ्रमण से मानसखंड क्षेत्र को एक नई पहचान मिली है। प्रदेश में पांचवें धाम, सैन्य धाम का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेलवे-रोपवे, रोडवे एवं एयरवेे कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इस वर्ष प्रदेश में जौलीग्रांट, पंतनगर हवाई अड्डों से विभिन्न राज्यों के लिए हवाई सेवाओं की संख्या में वृद्धि की गई। चारधाम ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। चारधाम के साथ ही इससे लगे पर्यटन क्षेत्रों तक पर्यटकों की पहुंच आसान हुई है।
मूल निवास और भू-कानून के जनहित से जुड़े मुद्दों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। उत्तराखंड 1 दिन में सर्वाधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला पहला राज्य बना है इससे दुनिया भर में उत्तराखंड के उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी। ई-गवर्नेंस को प्रमोट करते हुए 600 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद हैं। 950 सरकारी सेवाओं को सेवा के अधिकार में लाया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड के तीव्र विकास में केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। केंद्र के सहयोग से राज्य में अनेक योजनाओं पर तीव्र गति से कार्य चल रहा है। इस दौरान पर्यटन, हवाई कनेक्टिविटी, सड़क का एक बड़ा ढांचा स्थापित हुआ है। देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र से 1750 करोड़ की परियोजना स्वीकृत हुई है। प्रदेश में कई राजमार्गों के चौड़ीकरण और विस्तारीकरण पर तेजी से कार्य चल रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि देश के हर व्यक्ति तक सरकार की प्रत्येक योजना का लाभ पहुंचे इसके लिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ गारंटी वाहन हर गांव, हर पंचायत में पहुंच रहा है। केंद्र एवं राज्य की योजनाओं से वंचित कई लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में नए भारत की शानदार तस्वीर उजागर हो रही है आज गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। सीमावर्ती गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए शुरू की गई वाइब्रेंट विलेज योजना मेें प्रदेश के 51 गांवों को शामिल किया गया है। मैंने स्वयं इन गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात की और विकास कार्यों को बेहद करीब से देखा। यह योजना जहां गांवों के विकास के लिए जरूरी है वहीं देश के सामरिक महत्व के लिए आवश्यक भी है।