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दून अस्पताल का यह नवाब कर रहा है छवि खराब..! MS ने लिया संज्ञान!

दून अस्पताल में ना ही टाइम पर डॉक्टर मिलते है, औऱ न हीं सुविधाएं!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 16 Jan.–2024: खबर…. राजधानी से देहरादून स्थित राज्य के  सबसे बड़े दून मेडिकल कालेज अस्पताल की इमरजेंसी में फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह तो डॉक्टर.नर्स स्टॉफ मस्त हैं और मरीज पस्त हैं! वही इस बार तो इस दून अस्पताल की बदहालत व्यवस्था का शिकार  नागरिकों के साथ आज एक पत्रकार भी हो गया शिकार..।

सूत्रो के मुताबिक एक वरिष्ट पत्रकार अपनी पत्नी को नाजुक हालत में दून अस्पताल की न्यू ओटी बिल्डींग में इमरजेंसी में लेकर इलाज के लिए पहुंचा उस समय पत्रकार की पत्नी के नाक से लगातार खून बह रहा था। इस नाजुक हालत में जब वह ईएमओ (EMO) को के कक्ष में दिखाया तो वह मौजूद जूनियर डॉक्टरो/मेडिकल छात्रो ने उन्हें एक जगह पर बैठा दिया! और कहा डॉक्टर नरेश (EMO)  ईएमओ आकर ही ही आपका इलाज शुरू करेगें। तब तक मरीज ऐसे ही खून  बहता तड़प रही थी। किसी जूनियर डॉक्टर हाथ लगाने तक की जहमत नही उठाई।

इस दौरान पत्रकार के साथ ही पत्रकार ने आधे घण्टे बीत जाने के बाद दून अस्पताल के एमएस डॉ0 अनुराग को फोन किया! उन्होनें  डॉ0 नरेश कुमार ईएमओ को भेजा, इसी के साथ ईएमओ डॉ0 ने  जूनियर डाक्टरो को इलाज के लिए लगा दिया। मरीज का  इलाज किया और ट्रामा सेंटर में जूनियर एवं जेआर के हावाले छोड़कर कही चले गए।

जबकि आज 15 जनवरी को मकर संक्रति की हाफ-डे होने के कारण इमरजेंसी के मुख्य प्रभारी/ प्रो0/डॉक्टर एनएस बिष्ट वरिष्ठ फिजीशियन  छुट्टी पर थें। ऐसा बताया गया है। सूबे के स्वास्थ मंत्री दून मेडिकल अस्पताल की हाईटेक व्यवस्था की प्रशंसा करते नहीं थकते और हमारा कैमरा सच सामने लाने में नहीं थकता!

इस दौरान सूत्रो के मुताबिक दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती मरीज के एक दो तिमारदारो ने  अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मीयों की  घोर लापरवाही देख  गुस्साए आए और वही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि संबंधित डॉक्टर वरिष्ठ फिजीशियन कोई भी तीन घंटो से अधिक हो गए एक भी मरीज को देखने नहीं आए। साथ ही जब वरिष्ट  पत्रकार ने अपनी पत्नी को नाजुक हालत देख इलाज हेतु कहा (ENT) ईएनटी डाक्टर दून अस्पताल में नही तो कोई भी जिम्मेवार डॉ0 एवं स्वास्थ्य कर्मी नही मौजूद है। यह कैसा मेडिकल कालेज है। वही दुसरे तिमारदार भी अपने अपने मरीज के इलाज के लिए कई बार गुहार लगा रहे थे।

वही जेआर (JR) व मेडिकल छात्रो के  इलाज से मरीज  व तिमारदार कोई संतुष्टि नही थें। वही इसके बाद जब  मरीज को वार्ड में भर्ती करने के लिए भेजा तो मरीज को ले जाने के लिए व्हीलचेयर नही मौजूद थी, और वार्ड बवॉय भीकही नही था। जबकि यह छः वार्ड ब्वॉय तैनात है पर कागजो में… वही मौके पर मौजूद एक पत्रकार ने इमरजेंसी के परिसर में हेल्प डेस्क पर जाकर एक व्यक्ति/ कर्मी से पूछा की वार्ड ब्वाय कहा मिलेगा मरीज को वार्ड में लेकर जाना है । तिमारदार ने कहा हमे वार्ड का पता नही किस वार्ड व बेड पर ले जाना हैं। तो उस कर्मी( MSW) ने कहा खुद ढुंढ लो मै तुम्हारा नौकर नही हूॅ। ऐसे बे रूखी का जवाब सुन कर पत्रकार दंग रह गया। जब पत्रकार ने उस व्यक्ति का परिचय पूछा तो वहा लाल पीला हो गया।

सूत्रो के मुताबिक यह राजेश नाम का कर्मी दून मेडिकल कालेज में मेडिकल सोशल वार्कर (MSW) के पद पर पीछले दो साल से तैनात है। और यह प्राचार्य के आदेशानुसार दून अस्पताल की न्यू ओटी बिल्डींग में साप्ताह में एक बार यह पीआरओ /(MSW) मेडिकल सोशल वार्कर की डूयूटी पर भेजा जाता है जो आज 15 जनवरी 2024 में इस कर्मी ने मरीजो व तीमारदारो के साथ बदसलूकी की गई। जब इस व्यक्ति का परिचय पूछा तो धमकी देने लगा। वही इस कर्मी की हरकते को  मौके पर पत्रकार ने कैमरे में कैद की किया,  तो यह कर्मी पत्रकार पर भड़क गया। कहने लगा विडियो डिलिट कर दो नही तो आपको भी झूठे लानशान लगा कर एमएस एवं पुलिस को शिकायत कर दूंगा। सारी पत्रकारिता निकल जाएगी।

वही मौजूद एक संविधाकर्मी ने दबी जुबान से बताया यह पीआरओ/MSW  के पद है और ऐसे ही मरीजो व तिमारदारो के साथ बतामिजी से बात करता हैं सारा दिन मोबाईल पर लगा रहा ता है कोई कम नही कर्ता जेब हाथ डाल कर नवाबो की तरह घूमा रहा है। जब कर्मी के विषय में दून अस्पताल के एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल से शिकायत की तो उन्हें टाल मटोल कर टका सा जवाब दिया इस कर्मी को समझो देगें।

साथ ही दून अस्पताल के वरिष्ट सूचना संपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी से इस कर्मी के विषय में बताया तो उन्हें उसे फोन पर का पत्रकार के साथ ऐसा व्यवाहर करना ठीक नही हैं। इसके बाद वह कर्मी जिसका नाम राजेश (MSW) बताया गया है, पीआरओ के पद पर तैनात है उसने पत्रकार को धमकी दी मेरी शिकायत एमएस व वरिष्ट जनसंपर्क अधिकारी की मेरा वह भी कुछ नही बिगाड़ सकते क्यों मै पक्का कर्मचारी हूॅं उल्टा तुम्हे झूठे लानशन लगा कर पुलिस व उच्च अधिकारियों से शिकायत कर फंसा दूंगा। मेरी बहुत पहुंच हैं। इस कर्मी पर यह कहवात फिट बैठती है..जब बिना कुछ करें मिल रही मोटी तनखा तो क्यों करें काम !

उसके बाद पत्रकार ने एमएस को भी फोन पर इस कर्मी राजेश की धमकी भरी बाते बताई तो एमएस डॉ0 अग्रवाल ने संतोष जनक जवाब नही दिया और फोन पर कहा आप हमारे व अस्पताल के खिलाफ खबर चला सकते है। वही इसके इस बाद वरिष्ट पत्रकार ने जब अपनी पत्नी की हालत में सुधार सुबह से शाम तक नही आया तो उसने विवश होकर अपनी मरीज को डिस्चार्ज करा कर ले गया।

साथ ही इस दून अस्पताल की व्यवस्थाओ एवं डॉक्टरो की अन देखी से मायूस होकर पत्रकार ने कहा तभी लोग दून अस्पताल आने से क्यो कतराते है। और मजबूरी में नीजि अस्पतालो पर जाने के लिए मरता क्या नही करता जैसी स्थिति हो जाती है। यह दून अस्पताल हाथी के दांत जैसा है!

लेकिन यहां इलाज तो दूर मरीज को होईटेक कोई भी चिकित्सा सुविधा तक नसीब नहीं हुई। सिर्फ कहने को हाईर्टक मेडिकल कालेज अस्पताल है। यह तो डॉक्टर.नर्स स्टॉफ मस्त हैं और मरीज पस्त हैं! ऐसे में मरीज जाए तो कहां जाए, ये बड़ा सवाल है! आखिर कब तक लोग यहां आस लिए  आते रहेंगे!  और कब तक इस अस्पताल में ऐसे ही परेशानी का सामना करेंगे! यहा आखिर  कब तक राज्य की राजधानी कहलाए जाने वाले देहरादून के इस दून अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ विभाग एवं कर्मीयो का का रवैया ऐसे रहेगा।

सवाल कई हैं लेकिन जवाब किसी का भी नहीं मिल रहा है। दून अस्पताल में मरीजों का हाल बेहाल है। चारों तरफ अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं। खुद अस्पताल कर्मियों को तक पता नहीं कि कौन से चिकित्सक की ओपीडी कहां है। पर्याप्त चिकित्सक होने के बावजूद मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।

वही देहरादून के सबसे बड़ा दून मेडिकल कालेज अस्पताल अपनी बदहाली आंसू रो रहे हैं। डॉक्टर  को भगवान के समान माना जाता है लेकिन अगर भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर की वजह से किसी बेगुनाह मरीज की जान  जान चली जाए तो शायद लोगों का ऐसे भगवान से भी भरोसा उठ जाए। हम ये नहीं कह रहे की गलती मरीज या उसके परिजनों की नहीं रहती होगी । लेकिन राज्य के जिलों से आए दिन आ रही शिकायतें जरुर सोचने पर मजबूर कर रही है। औऱ अगर हम दून अस्पताल को बिमार कहें तो कुछ गलत नहीं होगा! क्योंकि न तो अस्पताल में डॉक्टर टाइम पर मिलते है औऱ न हीं स्वास्थय सुविधाएं हैं।

इस कर्मी के संबंधित व्यवहार की सूचना/शिकायत प्रचार्या, एमएस,डीएमएस को दे दी गई। अब यह जांच की बात कर चुपी साद लेगें। जबकि ऐसा पहले भी कई मामलो पर जांच के नाम पर पल्ला झाड़ दिया जाता है और सबको शांत कर दिया जा रहा है।

वही सूत्रो की माने तो इस दून अस्पताल में आए दिन व्यवस्था को लेकर मरीज और तीमारदारों का हंगामा एवं कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिलती रहती है। अब यह आम बात सी होने लगी है। जिस समय चले जाओ उसी समय कोई ना कोई मरीजो को यह स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से नही मिलने पर दून अस्पताल को कोसता नजर आएगा।सूत्रो के मुताबिक उन्होंने अस्पताल प्रशासन को शिकायत कर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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