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विरासत में हो रही घोर अनियामिताए, क्यो नहीं कोई दे रहा इस पर ध्यान..?

देहरादून/उत्तराखण्ड: 05 Nov.–2023: खबर…. राजधानी से देहरादून में लोकल विरासत मेला /महोत्सव 27 अक्टुबर से 10 नवंबर 2023 तक चलेगा। वही यह 26 सालों से विरासत महोत्सव का आयोजन (REACH) रिच संस्था के द्वारा होता चला आ रहा है। इस बार विरासत का 27वां महोत्सव देहरादून के भीमराव अंबेडकर ग्राउंड, निकट ओएनजीसी में कराया जा रहा है।   इसमें न सिर्फ देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय कलाओं की भी झलक देखने को मिलती है। वही इसमें भारत की परंपरा सांस्कृतिक और विरासत को बनाए रखने के लिए कारीगर.शिल्पकार इस मंच के माध्यम से अपनी लोक और शास्त्रीय कला का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।

वही 15 दिवसीय महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।वही मेले/महोत्सव में विभिन्न राज्ये एवं संस्थाओं ने विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए। हालांकि दीपावली का त्यौहार एवं अन्य त्योहार का सीजन चल रहा है! वही जिसमें लोग इस मेले में जमकर खरीदारी कर रहे हैं। यहां एक से बड़कर चीज और देखने को एवं खरीदरी के लिए है।

वही जिसमें  सूत्रो के हवाले से मिली ताजा जानकारी के अनुसार साथ विरासत में विभिन्न राज्यों की मुख्य संस्कृत पोशाके एवं अन्य सामग्रियों पर स्टालो पर जो दाम वसूले जा रहे हैं, वह दुगने से चौगुन दामों पर दुकानदार दाम वसूल रहे हैं। यहां पर ना तो कोई जीएसटी का नियम दिखाई दे रहा है और ना ही कोई दुकानदार खरीद पर जीएसटी जीएसटी का बिल दे रहा है।

यहां लगी दुकानो पर हो रही लाखो की खरीद दार पर दुकानदारो से ऐसा लग रहा है कि जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। और ग्राहकों से पूरा पैसा जीएसटी को जोड़ कर लिया जा रहा है। ऐसे में कहां है जीएसटी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी। साथ ही खाने पीने की दुकानो पर फूड की कई व्यंजनों की दुकान के फूड लाइसेंस भी नही दिख रहे है।  वही फूड लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारी सभी नदारद दिखाई दे रहे हैं। साथ ही इस महोत्सव में लोगो के स्वास्थ्य के साथ खुल्ला खिलड़ा हो रहा है।

वही यह मेला 27 अक्टूबर से प्रारंभ 10 नवंबर तक चलेगा इस मेले की खासियत यह है कि इस मेले में करीब लगभग डेढ़ सो (150) से अधिक दुकाने लगी है ! जिसमें से देश के अलग-अलग राज्यो से आए विभिन्न प्रकार के  स्टॉल लगे है। साथ ही अलग-अलग राज्यों के मुख्य व्यंजन  के भी स्टाल लगे है।

वह इस विरासत में 15 दिनो तक चलने वाला मेले में रोजाना बड़ी संख्या में यहां आकर खान.पान एवं जमकर खरीदारी कर रहे है। साथ ही इस विरासत में कई तरह की अनियमिताएं देखने को मिली! सूत्रो की माने तो यहा इतनी भीड़ उमड़ रही है जिसमें कोई सुरक्षा का ऐसा इंतजाम नहीं दिखाई पड़ रहा है कि अगर कोई किसी प्राकर की घटना हो जाए तो उसको किस तरह से निपटाया जा सकता है यह किसी के पास जवाब नही है। वहीं दूसरी ओर जितने भी खान.पान के अलग.अलग राज्यों के व्यंजनों के स्टाल लगे हैं जिसमें लोग खाने का लुक तो उठा ही रहे हैं।

सूत्रो की माने तो इन दुकानदारों ने फूड यानी खाद्य पदार्थ विभाग देहरादून द्वारा फूड लाइसेंस या परमिशन नहीं ली गई है। और ना ही स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखते हुए एवं सफाई का ध्यान खान पान में किया जा रहा है। यहां इस मेले पूर्ण रूप से अनुमति दिखाई दे रही है।  वहीं इसी के साथ सूत्रे बताते है कि यहा सजी दुकानो में या आस पास ना तो फायर सैफ्टी उपकरण रखे हुए है। और ना ही अन्य कोई सावधानी का दिखाई दी है।

आपको बता दे कि इस विरासत मिले में कई नामी कंपनियां और सरकारी विभाग आदि जिसमें मुख्य रूप से ओएनजीसी एवं पर्यटन विभाग उत्तराखंड, भारतीय स्टेट बैंक, अमूल कंपनी, एमडीडीए देहरादून, मैक्स इंश्योरेंस कंपनी, आदि अन्य कई सारी कंपनियों ने अपना इसमें पार्टिसिपेट सहभागिता दर्शी है। लेकिन यह यहां विरासत में हैरान करने वाली बात यह है कि अनियमितताओं को दरकिनार रखकर मेले के आयोजक अपने काय्रक्रम में मस्त दिख रहे हैं।

साथ ही इस मेले में देहरादून में स्थित विभागों के कई आला अधिकारियों के परिवार सहित इस मेले का आनंद लेने आ रहे हैं। लेकिन यहां किसी का ध्यान नहीं जा रहा है कि यहां किस तरह की अनियमिताएं बरती जा रही है । जबकि यहां नाम मात्र के लिए पुलिस एक चौकी के रूप में बहार प्रवेशद्वार पर टेंट लगाकर दिखाने के लिए बैठी जरूर है। वही इस मेले के अंदर क्या हो रहा है महिलाओं के साथ किस तरह से धक्का मुक्की की जा रही है इन सब की किसी को परवाह नहीं है!  इस दौरान लोगों को इस महोत्सव /मेले का बड़े बेसब्री से इंतजार रहता है!

वही इस विरासत का यही उद्देश्य है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए। जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने.माने लोगों की कला, संस्कृति और संगीत को करीब से अनुभव, सांझा करते है। बता दे कि वही जब इस संबंध में सूत्रो ने विरासत मेले के पीआर से जानकारी मांगी तो उसने देने से मना कर दिया। वही इस 10 नवंबर 2023 को इस विरासत मेले/महोत्सव का समापन्न भी हो जाएगा।

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