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पहाड़ो के लिए 4 से 6 लाख रु0 महीने का वेतन पर कई सुपर स्पेशलिस्ट डॉ0..!

पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी होगी दूर, स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी !

देहरादून/उत्तराखण्ड: 31 AUGUST – 2023: खबर…. राजधानी से गुरूवार  को   उत्तराखण्ड में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पहली तैनाती कर दी गई है। डॉक्टरों को ‘यू कोट-वी पे‘ योजना के तहत संविदा पर तैनाती दी गई है। स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 4 लाख से 6 लाख रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। वही इसी के साथ स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएंगी।

वही जिसमें  स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड लम्बे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है।  जिसके पहले चरण में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया है। इनमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टरों को तैनाती दी गई है।  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की लोकप्रिय योजना ‘यू कोट-वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की गई है। सभी डॉक्टरों को तैनाती के ऑडर जारी कर दिए गए हैं।

वही इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य उत्तराखण्ड सरकार डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति होने से आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में दी गई है। आवश्यकतानुसार ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल के अन्य चरण भी आयोजित किये जा सकते हैं।

 बता दे कि  उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धामी सरकार ने यू कोट वी पे फार्मूले के तहत प्लान बनाया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों को 6 लाख रुपये तक प्रति माह वेतन देने की योजना है। योजना का असर रहा कि बड़ी सँख्या में डॉक्टर अपनी सेवाएं देने राज्य के पर्वतीय जिलों में तैयार हुए हैं।

 

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