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अजब गजब: बढ़ते EYE संक्रमण के मामले, इस नेत्र अस्पताल में ‘Eye Flu’ है भी और नही भी ?

दून के इस गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में कहां है 'Eye Flu' ?

देहरादून/उत्तराखण्ड: 29 JULY .. 2023, खबर… राजधानी से  जैसा कि आप सभी को पता है कि हर बार कि तरह मौसमी संक्रमण फैलता है। वही जिसमें डेंगू एवं मलेरिया के साथ-.साथ अब आई फ्लू (Eye Flu) भी लोगों को डराने लगा है।  मौसम में लगातार हो रहे मौसम परिवर्तन के चलते प्रदेश में डेंगू के बाद आई फ्लू संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस (Eye Flu) बच्चों और बड़ों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। वही इस मौसम में सभी अस्पतालों की (OPD) ओपीडी में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

वही जिसमें आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमारे संवाददाता ने आज जिला अस्पताल गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय देहरादून का जायजा लिया। जिसमें नेत्र विभाग की ओर जाकर देखा, कि यह आई फ्लू के कितने मरीज अपना इलाज कराने पहुंचे है । लेकिन यहां ना तो किसी को आई फ्लू वाला मरीज दिखाई दिया और ना ही डॉक्टर दिखाई दिया। और ना ही कोई स्टाफ इसका मतलब साफ दिखाई दे रहा है,कि यहां इस नेत्र चिकित्सालय में आई फ्लू का संक्रमण नहीं है। यहा दूर दराज से आए आंखो के संबंधित मरीज भी नेत्र विभाग की ओपीडी में झांक कर वापिस जा रहे है।

इसलिए यहां के स्वस्यकर्मी चादर तान कर कही सो रहे होंगे। आपको बता दें कि हैरान करने वाली कैमरे में कैद की गई तस्वीरें खुद बयां कर रही है कि (Eye Flu) आई फ्लू के समय जिला अस्पताल का स्वस्थ विभाग आंखें मूंद यहां कैसे बैठा है। जिसका आज शुक्रवार एवं शनिवार को समय 11ः00 बजे सुबह हमारे संवाददाता जब गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय,देहरादून में दाखिल हुए तो उन्होंने अपना कैमरा घुमाया तो सबसे पहले बाहर परिसर में ओपीडी पर्चा बनाने की लंबी लाइन तो जरूर दिखाई दी।

लेकिन अंदर जाकर जब हमने कुछ विभागों में जाकर देखां। जिसमें सबसे पहले नेत्र विभाग (OPD)  की ओर कमरा नं0  ,27,28,व 29  में झांका तो वहां कोई नहीं नजर आया और ना ही डॉक्टर अपनी ओपीडी में मौजूद थे। तो मरीज कहां से होंगे। जबकि एक नेत्र वाक्य कक्ष में तो ताला ही जुड़ा था। इसका मतलब साफ लग रहा है कि नेत्र चिकित्सालय में आई फ्लू का प्रकोप नहीं है। इसलिए यहां सब बेखौफ होकर आराम से कहीं इधर.उधर होंगे तो मरीज कहां से नेत्र विभाग की ओपीडी में दिखेंगे।वही स्वास्थ्य विभाग के दावो की पोल खुल गई।

बता दे कि आंखों में संक्रमण के समस्या का मरीज बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचकर नेत्र रोग विशेषज्ञों से इलाज करा रहे हैं। इसमें देहरादून जिले में सबसे अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू रोकथाम के लिए शासन स्तर से सभी जिलाें को पहले ही दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं।  वही इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने बताया कि बरसात के मौसम में आई फ्लू के मामले आ रहे हैं। इससे मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए सावधानी और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। खास बात यह है कि इस बीमारी से स्कूली बच्चे ज्यादा पीड़ित हैं।

नेत्र रोग विशेषज्ञ के मुताबिक इस फ्लू से पीड़ित मरीज की आंखों के आंसू, आंखों में देखने और खांसी या छींकने से भी संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख को भी चपेट में ले लेता है। आंखों के इंफेक्शन को आई फ्लू, आंखें आना, पिंक आई और आंखों का गुलाबी होना भी कहते हैं।

उन्होंने कहा कि (Eye Flu)  आई फ्लू से ग्रसित मरीज की आंखें लाल होने के साथ ही आंखों से पानी आने लगता है और आंखों में सूजन होने के कारण स्पष्ट दिखाई नहीं देता है।  नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि आई फ्लू से बचने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों की सफाई करें। आंखों को बार-बार न छुएं। अपने आसपास सफाई रखें। टीवी-मोबाइल से दूरी बनाएं.डॉक्टर की सलाह लेकर समय-समय पर आई ड्रॉप डालें. ठंडे पानी से आंखों की सफाई करें. किसी भी तरह के साबुन को चेहरे पर न लगाएं।

नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टरो के मानेे तो आंख में दिक्कत होने पर डॉक्टर से सलाह लें, खुद से कुछ भी या कोई भी ड्रॉप का प्रयोग न करे। उधर, ग्रेनो वेस्ट के बिसरख सीएचसी में भी आई फ्लू और आंख में जलन वाले मरीजों की संख्या में पिछले एक सप्ताह से इजाफा हुआ है।  ये मौसमी बीमारी है, इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लोगों को इस समय सावधानी और सतर्क रहने की बेहद जरूरत है।  वहीं, बारिश के दिनों में फैले कंजंक्टिवाइटिस से बच्चों को आंखों में काफी जलन हो रही हैं और यह एक दूसरे पर जल्दी से फैलने वाला बीमारी हैं।  वहीं, (Eye Flu)  आई फ्लू को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया हैं।

 

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