वही इस दौरान बैठक में पुलिस महानिदेशक डीजीपी अशोक कुमान ने कहा कि यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बार कांवड़ियों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी। इस वर्ष कांवड़ मेले में भी डीजे प्रतिबंधित नहीं रहेगा। बल्कि पुलिस इसे नियंत्रित करेगी। यात्रा के दौरान कोई भी 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा। ये प्रमुख निर्णय शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में लिए गए। वहीं, सुरक्षा के लिए सिर्फ हरिद्वार में ही 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
इसी के साथ हरिद्वार जनपद में कांवड़ मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी । वही इस कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अफसरों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी चेकपोस्ट और बैरियरों पर संयुक्त रूप से चेकिंग की जाएगी। उत्तराखण्ड पुलिस के आला अधिारियों का कहना है कि इस साल भी लगभग चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने की संभावना है।
वही इसी के साथ इस बैठक में 7 राज्यों जिसमें , उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा,, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान तय किया गया कि हर कांवड़ यात्री को अपने साथ पहचानपत्र लाना अनिवार्य होगा।