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दुर्गापूजा महोत्सव की तैयारियाँ कालीबाड़ी प्रांगण में पूरे जोश और उत्साह के साथ चल रही: मुखर्जी

उत्तरायन कालीबाड़ी , मॉडल कॉलोनी, आराघर,दुर्गापूजा समिति का 45वां महोत्सव

उत्तराखंड: 23 सितंबर. 2025, मंगलवार को देहरादून / राजधानी स्थित उत्तरायन कालीबाड़ी , मॉडल कॉलोनी आराघर, दुर्गापूजा समिति का 45वां महोत्सव इस वर्ष 27  सितंबर से दुर्गा महोत्सव शुरू होगा और 02 अक्‍टूबर 2025  को विसर्जन के साथ समापन होगा।  वही जिसमें बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा सबसे मुख्य फेस्टिवल है। पूरे सालभर से लोगों को इसका इंतजार रहता है। दुर्गा पूजा की वास्तविक शुरुआत षष्ठी तिथि से होती है।  दुर्गा पूजा में षष्ठी, महासप्तमी, महाअष्टमी, महानवमी और विजयादशमी तिथि का विशेष महत्व है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।  कालीबाड़ी , मॉडल कॉलोनी आराघर, दुर्गापूजा  अत्यंत हर्षोल्लास और भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा।

साथ ही 2 अक्टु0 विजयदश्मी को शोभायात्रा के बाद  दुर्गा माँ की विदाई सिंदूर खेला, सभी प्रतिमाओं का विसर्जन , शांति जल , मिष्ठान , भजन व मंगल कामनाओ से साथ समाप्त होगा । इस बार दुर्गा पूजा समिति के संरक्षक श्री विनोद चमोली जी , श्री खजान दास जी , मेयर श्री सौरभ थपलियाल कार्यक्रम में उपस्थित होंगे !

वही इस,दुर्गापूजा 45वां महोत्सव आयोजन की तैयारियाँ कालीबाड़ी प्रांगण में पूरे जोश और उत्साह के साथ चल रही हैं। प्रतिदिन प्रांगण में सजावट एवं अन्य व्यवस्थाओं का कार्य प्रगति पर है, जिससे सभी तैयारियों को और अधिक भव्य रूप प्रदान किया जा सके।

इस दौरान समिति के सभी सदस्य प्रतिदिन संध्या से एकजुट होकर देर रात्रि तक मनोरंजन कार्यक्रम – शास्त्रीय नृत्य, नाटक एवं गायन के अभ्यास एवं व्यवस्थाओं में संलग्न रहते हैं, ताकि इस महोत्सव को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाया जा सके।

इस मौके पर  दुर्गा पूजा समिति के संयोजक श्री अधीर मुखर्जी ने बताया कि इस बार के आयोजन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारीया महिलाओं को दी गई है, और माँ की प्रतिमा दिल्ली में देश के प्रसिद्ध शिल्पकार द्वारा बनायी जा रही है । दुर्गा माँ हाथी पर सवार हो कर आयेंगी , उनकी विदाई पालकी पर बैठ कर होगी । महा षष्ठी पर माँ के आगमन के साथ महिलायें लाल बॉर्डर की सफेद सारी पहनकर , मृदंग , काशी ढोल , नगाड़ों के साथ पान , सुपारी , दूर्बा, मिठाई से उनका स्वागत किया जाएगा ।

इसके साथ ही महालया , दुर्गा माँ के आगमन पर बंगाली भक्ति संगीत व भजन संध्या का भी आयोजन होगा । महासप्तमी में बच्चे अपनी प्रतिभाओं का मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे । महाष्टमी के दिन मुख्य आकर्षण – धर्म का अपराध द्रौपदी चीरहरण ( महाभारत ) नाटक की संस्था के सदस्य अपनी प्रस्तुति देंगे । महानवमी में भरतनाट्यम , कथक , ओड़िसी नृत्य , कवाली व महिलाओं का फैशन शो व गायन का आयोजन होगा ।

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