यह सख्त कार्रवाई मिलावटखोरों के लिए कड़ा संदेश

उत्तराखंड: 25 Dec.2025, गुरुवार को देहरादून । उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल मार्गदर्शन तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड विभाग के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में राज्यभर में सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, गुणवत्तापूर्ण औषधियों का नियंत्रण, नशा एवं मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना और डिजिटल सेवाओं के विस्तार जैसे क्षेत्रों में व्यापक और प्रभावी कार्य किए गए हैं। वर्ष 2025 विभाग के लिए केवल आंकड़ों का वर्ष नहीं, बल्कि जनविश्वास, पारदर्शिता और सख्त प्रवर्तन का प्रतीक बनकर उभरा है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में खाद्य सैंपल विश्लेषणशाला के माध्यम से राज्य के विभिन्न जनपदों में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए। इन अभियानों के अंतर्गत विभागीय टीमों ने बाजारों, होटल-ढाबों, रेस्टोरेंट्स, मिठाई की दुकानों, स्ट्रीट फूड वेंडर्स और खाद्य प्रतिष्ठानों का भ्रमण किया। इस दौरान 10,789 उपभोक्ताओं एवं खाद्य कारोबारकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा मानकों, स्वच्छता, सुरक्षित भंडारण और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
राज्य में कुपोषण, एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विभाग ने फोर्टीफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया। वर्ष 2025 में 11 जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को फोर्टीफाइड आटा, तेल, दूध, नमक आदि के स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी गई।
खाद्य संरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विभाग ने RUCO (Repurpose of Used Cooking Oil) अभियान को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया। वर्ष 2025 में इस अभियान के तहत 17 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालकों और खाद्य कारोबारियों को प्रयुक्त खाद्य तेल के सुरक्षित निस्तारण के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
07 जून 2025 को World Food Safety Day के अवसर पर विभाग द्वारा राज्यभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान 1000 स्ट्रीट वेंडर्स को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वच्छता, सुरक्षित भोजन तैयार करने और परोसने के मानकों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही Eat Right Movement के अंतर्गत राज्य के 07 जिला कारागार एवं 07 उपकारागार को Eat Right Campus के रूप में विकसित किया गया।
उत्तराखण्ड सचिवालय, CFTRI देहरादून, UPES Campus, गोविन्द भवन सचिवालय सहित कई प्रमुख संस्थानों को भी Eat Right Campus के रूप में चिन्हित किया गया।
खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत वर्ष 2025 में विभाग द्वारा 3122 विधिक एवं सर्विलांस नमूने एकत्र कर विश्लेषण हेतु प्रयोगशालाओं में भेजे गए। इनमें से 223 नमूनों को खाद्य विश्लेषणशाला द्वारा असंगत एवं असुरक्षित घोषित किया गया। यह सख्त कार्रवाई मिलावटखोरों और नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ा संदेश है।
राज्य में मादक औषधियों के दुरुपयोग और तस्करी की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कार्यक्रम संचालित किया गया। इसके अंतर्गत Quick Response Team (QRT) का गठन किया गया। वर्ष 2025 के जून माह में 1445 निरीक्षण किए गए और 1068 औषधियों के नमूने संग्रहित किए गए। साथ ही 10 अभियुक्तों के विरुद्ध NDPS Act के अंतर्गत मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया।
वर्तमान में विभाग के अंतर्गत 02 औषधि विश्लेषणशालाएं एवं 01 खाद्य विश्लेषणशाला कार्यरत हैं, जिनमें अत्याधुनिक High-End Equipment स्थापित हैं। जनपद देहरादून में एक नई खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित करने की प्रक्रिया भी गतिमान है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है।
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखण्ड जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए निरंतर और प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है। वर्ष 2025 के दौरान विभाग ने खाद्य सुरक्षा, औषधियों की गुणवत्ता नियंत्रण, मिलावट एवं नशे के दुरुपयोग की रोकथाम, आधुनिक प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण तथा जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।



