उत्तराखंडत्योहार/दिवसदेहरादून

जौनसार में परंपरागत अंदाज में पहाड़ी बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज

 न्यूज डेस्क /उत्तराखंड: 24 Nov.2025, सोमवार को देहरादून , चकराता क्षेत्र के स्थित जौनसार में पिछले पांच दिनों से चल रहे बूढ़ी दिवाली का जश्न रविवार देर रात को हाथी नाच के साथ संपन्न हो गया। चकराता के पास ठाणा गांव में काठ से बने हाथी को पंचायती आंगन में नचाया गया। हाथी नाच के साथ ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा।जनजाति क्षेत्र जौनसार के कई गांवों में देशवासियों के दीपावली पर्व मनाने के ठीक एक माह बाद परंपरागत अंदाज में पहाड़ी बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज है।

इस अवसर पर जौनसार के चकराता व कालसी और चकराता प्रखंड से जुड़े 29 खतों के दो सौ से अधिक गांवों में पिछले पांच दिन से चल रहा बूढ़ी दिवाली का जश्न रविवार देर रात को हाथी नाच व लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ संपन्न हो गया। इसके अलावा क्षेत्र के बमटाड़ खत, विशायल, बाना, कोरु, तपलाड़, उपलगांव, पंजगांव, बहलाड़, लखवाड़, बोंदूर, सिली-गोथान, शिलगांव समेत अन्य खतों से जुड़े कई गांवों में जंदोई मेला परंपरागत तरीके से मनाया गया।

जौनसार के ठाणा की बूढ़ी दिवाली सबसे खास मानी जाती है। यहां बूढ़ी दिवाली पर जश्न मनाने बड़ी संख्या में लोग जुटे। परंपरागत पोशाक पहने स्थानीय महिलाओं व ग्रामीणों ने पंचायती आंगन में सामूहिक रूप से तांदी नृत्य की शानदार प्रस्तुति से समा बांधा। लोक परंपरा के अनुसार ठाणा के ग्रामीणों ने बूढ़ी दिवाली के समापन पर काठ से बने हाथी की सजावट विशेष रूप से की। हाथी के फेरा लगाने के बाद क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली संपन्न हो गई।

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