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पहली बार जनजातीय इतिहास को मिला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है

 उत्तराखंड: 16 Nov.2025, रविवार को देहरादून / राजधानी स्थित रेंजर ग्राउंड्स में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं और भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन किया।
सीएम धामी ने कहा कि आदि गौरव महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है। ऐसे आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करते हैं तथा समाज के अन्य वर्गों को जनजातीय समुदाय की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं।
जनजातीय समाज देश की विविधता की सबसे बड़ी ताकत-मुख्यमंत्री–अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी संघर्ष, स्वाभिमान और संगठित शक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि जब तक समाज की सबसे कमजोर कड़ी मजबूत नहीं होती, तब तक देश वास्तविक रूप से मजबूत नहीं हो सकता।
128 जनजातीय गांवों का चयन-शिक्षा, स्वास्थ्य व आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष फोकस
सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों को चिह्नित किया गया है,
राज्य सरकार द्वारा जनजातीय समाज के लिए चल रही प्रमुख पहलें–मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय के कल्याण हेतु राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का विवरण भी साझा किया ।
प्रदेश में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं। शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए 3 आईटीआई कॉलेज, तकनीकी प्रशिक्षण हेतु समर्पित हैं।प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग व छात्रवृत्ति, जनजातीय समाज की बेटियों के विवाह हेतु ₹50,000 अनुदान, जनजातीय कला, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव व खेल महोत्सव का नियमित आयोजन, जनजातीय शोध संस्थान के लिए ₹1 करोड़ का कॉर्पस फंड की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी प्रयास जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
जनजातीय गौरव दिवस का महत्व–सीएम धामी ने स्मरण कराया कि वर्ष 2021 में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया।
पहली बार जनजातीय इतिहास को मिला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य–मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान को कभी पर्याप्त स्थान नहीं दिया।
जनजातीय समाज के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई–मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि हमारी सरकार उत्तराखंड के आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर संकल्पित है। हम ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।
कार्यक्रम में  राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजान दास, श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्रीमती सविता कपूर,  सचिव एवं अपर सचिव समाज कल्याण व विभाग के अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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