
उत्तराखंड: 12 नवंबर 2025, बुधवार को देहरादून / राजधानी स्थित आज महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर (देहरादून) में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता 2025 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल एवं श्रीमती कल्पना सैनी, तथा विधायक श्री उमेश शर्मा ‘काउ’, श्री खजान दास, श्रीमती सविता कपूर, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने मंच से देश के विभिन्न राज्यों से पधारे वन अधिकारियों, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया तथा वन विभाग और आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल व्यक्ति में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्ष की भावना विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों का फिट रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वही वन और पर्यावरण की रक्षा के असली प्रहरी हैं।
इस दौरान सीएम धामी ने जानकारी दी कि प्रदेश में 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां, एक राज्य खेल विश्वविद्यालय, और महिलाओं के लिए महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को हमारी सरकार ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्ति दे रही है और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि हाल ही में वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य एवं उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा को 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों को उत्तराखंड ने ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया, जहाँ सभी सामग्री ई-वेस्ट और रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार की गई। उन्होंने बताया कि 2.77 हेक्टेयर भूमि पर ‘खेल वन’ विकसित किया गया है, जहाँ पदक विजेताओं के नाम पर 1600 से अधिक रुद्राक्ष वृक्ष लगाए गए हैं। “यह स्थल खेल उत्कृष्टता के साथ हरित चेतना का प्रतीक बनेगा।”
वन्यजीव संरक्षण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं- जो पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं- जो पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं।
साथ ही, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना” के तहत युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ट्रेकिंग गाइड और इको-टूरिज्म उद्यमी के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उल्लेख करते हुए खिलाड़ियों से आग्रह किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि देशभर से आए वन अधिकारी और खिलाड़ी अपनी अनुशासन, परिश्रम और खेल भावना से न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे, बल्कि वन संपदा के संरक्षण और हरित उत्तराखंड निर्माण के संकल्प को भी साकार करेंगे। “आप सभी अपने परिश्रम से न केवल राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, स्वस्थ और सशक्त उत्तराखंड का निर्माण कर रहे हैं।”



