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वित्तीय और साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए EOU को मजबूत करें: CS

उत्तराखण्ड: 09 जुलाई 2025 बुधवार को देहरादून/राजधानी स्थित सचिवालय में आरबीआई के तत्वाधान में आयोजित 25 वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में आरबीआई और गृह विभाग द्वारा विगत बैठक में दिए गए निर्देशों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर  सचिव दिलीप जावलकर, महानिरीक्षक पुलिस नीलेश आनंद भरणे, रिजर्व बैंक इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक अरविंद कुमार, महाप्रबंधक श्रीमती नीता आदि अधिकारी उपस्थित  थे।
इस मौके पर सीएस ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आज के डिजिटल युग में  वित्तीय और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सभी बैंकर्स और इंप्लीमेंटेशन एजेंसी तथा विभागों के मध्य बेहतर तालमेल हो, वित्तीय अपराधों से संबंधित FIR, इन्वेस्टिगेशन, चार्जशीट, कंप्लायंस इत्यादि में तेजी दिखाई जाए तथा इस प्रकार के वित्तीय फ्रॉड को रोकने के लिए बड़े कारगर संस्थागत प्रयास  किए जाने की आवश्यकता बताई।
वहीं जिसमें  उन्होंने इसके लिए जन सामान्य को जागरूक करने के साथ-साथ इस पर नियंत्रण पाने के लिए सुदृढ़ निकाय की भी आवश्यकता बताई। उन्होंने निर्देशित किया कि EOU (economic offence wing) जो अभी सीबीसीआईडी के अधीन कार्यरत हैं इस एजेंसी को इंडिपेंडेंस एजेंसी बनाने के लिए कार्य करें। इस एजेंसी में एसटीएफ के अधीन काम करने वाली FFU (फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट) को भी मर्ज करने की कार्रवाई की जाय। साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर में बैंक प्रतिनिधि की भी अनिवार्य उपस्थिति हो ताकि वित्तीय फ्रॉड करने वाले किसी भी संस्थान /फर्म की वेबसाइट/पोर्टल को तत्काल ब्लॉक किया जा सके और लोगों का वित्तीय नुकसान होने से तत्काल बचाया जा सके।इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि लोगों से वित्तीय पूंजी प्राप्त करने वाले संस्थाओं /फर्म  का नियमित निवेश (BUDS पोर्टल) की वेबसाइट https//www.niyamitnivesh.in पर पंजीकरण कराने के लिए सभी बैंकों की ओर से नोडल अधिकारियों की तैनाती भी की जाय। ताकि लोगों को अधिकृत वित्तीय पूंजी प्राप्त करने वाले संस्थान की जानकारी  प्राप्त हो सके।

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