उत्तराखंडदेहरादून

बिना अनुभव के एक पैराशूट कर्मचारी मेडिकल कॉलेज से दून अस्पताल के स्टोर में उतारा

उत्तराखंड: 04 जुलाई 2025, शुक्रवार को देहरादून / राजधानी स्थित सूबे के सबसे बड़े दून मेडिकल कालेज अस्पताल दे.दून में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई महीनो से राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां पर कर्मचारी भी नाराज चल रहे हैं। दूसरे संविदा कर्मियों के कार्यों को लेकर भी कई कर्मचारियों में आ समनजस में  कार्य कर रहे हैं। जिस कर्मचारी को कार्य पूर्ण ढंग से नहीं अनुभव  है उसे  कोई नया काम सौंप कर उसे काम लिया  जा रहा है। उसको समझने में इतना समय लग रहा है कि वह काम करने में परेशानी महसूस कर रहा है। लेकिन यहां की है किसी कर्मचारी की कोई सुनने वाला नहीं है । जैसे तैसे बस चलती का नाम गाड़ी धकेल रहे हैं।

इसी  को देखते हुए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दून अस्पताल के  मुख्य स्टोर भंडार में पीछले कई वर्षों से स्टोर कीपर के पद पर परमानेंट कर्मचारी तैनात है। वही उसका अनुभव को देखते हुए अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं एवं अस्पताल कार्यालय एवं स्वास्थ्य संबंधी सामग्रियों की खरीद फिरोत व मेंटेनेंस आदि सभी की जिम्मेवारी ब-खूबी  निभाते आ रहे हैं। लेकिन इस बार कुछ नया देखने को मिला बैठे-बैठे अस्पताल प्रबंधन को क्या सूझी की अनुभवी स्टोर कीपर कर्मचारियों को काम करते हुए वहां से हटाकर एक नया पैराशूट अपना कर्मचारी मेडिकल कॉलेज से लाकर बिठा दिया है। ना उसे स्टोर के कार्यों का अनुभव है न ही उसने अस्पताल की मेंटेनेंस का कार्यों का अनुभव प्राप्त किया है , फिर भी इस पैराशूट कर्मचारियों को बिठाकर जो अनुभवी  स्टोर कीपर के पद पर कार्य कर रहा था उसे पैदल कर दिया है, ऐसा क्यों किया यह तो अस्पताल प्रबंधन या प्राचार्य ही जाने। लेकिन अस्पताल की ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था चरमराई गई है।

सूत्रों के अनुसार इस पैराशूट कर्मचारी के कारण लड़खड़ाई मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था! यही नहीं इसमें पैराशूट कर्मचारी ने स्टोर के भंडार का चार्ज संभालते ही अस्पताल की कई व्यवस्था चरमरा गई है। जिसमें ओटी के डॉक्टर सामान के लिए परेशान है। वार्डों में नर्सिंग अधिकारी सामानों के लिए परेशान है। बाकी अन्य कर्मचारी भी सामान मांग  मांग के थक रहे हैं। लेकिन समान समय पर नहीं मिल रहा है।इस दौरान हर कोई यही कह रहा है कि पहले वाला परमानेंट कर्मी स्टोर कीपर को क्यों हटाया, उसे हर सामान का सही समय पर देने का ध्यान व अनुभव है।

वही, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज मे पैराशूट कर्मचारियों को उतार कर भले ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने मे लगा हो। लेकिन अनुभव हीनता के कारण यहाँ पर तैनात होने कर्मचारियों को खुद परेशानी उठानी पड़ रही है।, काबिलेगौर है की दून मेडिकल कॉलेज मे वर्षो से तैनात स्टोर कीपर को हटा कर उनके स्थान पर अन्य कर्मचारी को तैनाती दे दी गईं है, जिनके पास स्टोर का कभी चार्ज भी नहीं रहा है। अब वह यहाँ आकर काम के दबाव मे खुद को असहज महसूस कर रहे है। और जिस कारण अस्पताल का कार्य भी प्रभावित होने लगा है।

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