
उत्तराखंड: 04 जुलाई 2025 शुक्रवार को देहरादून स्थित केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू की उपस्थिति में शुक्रवार को देहरादून, मसूरी रोड स्थित निजी होटल में मिनिस्टर कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एविएशन ( नॉर्दर्न रीजन ) के अंतर्गत नागरिक उड्डयन में क्षेत्र में राज्यों के लिए अवसर विषय पर सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने नागरिक उड्डयन से संबंधित संभावना के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।
साथ ही संयुक्त सचिव केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय श्री असांगबा चुबा ने उड़ान योजना (UDAN) के बारे में बताते हुए कहा कि इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों के साथ हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही नए मार्गों में हवाई संचालन के लिए नई संभावनाओं पर भी कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया देश में अब तक उड़ान योजना के तहत 625 आरसीएस रूट कनेक्ट किए जा चुके हैं। इस योजना का लाभ अब तक 1.53 करोड़ से अधिक यात्री ले चुके हैं। उन्होंने कहा अगले 10 साल में 4 करोड़ यात्रियों को हवाई सेवा का लाभ देने के लिए मॉडिफाइड उड़ान स्कीम शुरू की जाएगी। इस स्कीम के जरिए 120 गंतव्यों को आपस में जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री मधु सूदन शंकर ने बताया कि हवाई कनेक्टिविटी के संचालन के लिए हमारे पास आवश्यकता अनुसार मानव संसाधन भी होने चाहिए। पायलट, तकनीशियन, ग्राउंड स्टाफ से लेकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल तक हर स्तर पर मानव संसाधन की आवश्यकता होती है। इसके लिए राज्यों में प्रशिक्षण संस्थान भी होने चाहिए। उन्होंने बताया भारत 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनेगा ।
साथ ही ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री स्मित शाह ने बताया कि ड्रोन के लिए स्पेशल लॉन्चपैड बनाने की दिशा में राज्यों को आगे आना चाहिए। देशभर में 178 ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ( हेलिकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस HEMS) के निदेशक श्री शंखेश मेहता ने बताया कि मेडिकल हेली सेवा को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट संजीवनी शुरू की गई है। यह पहल नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एम्स ऋषिकेश और उत्तराखंड राज्य सरकार के सहयोग से शुरू की गई है। उन्होंने अन्य राज्यों से भी इस क्षेत्र में आगे आने का आग्रह किया।
कार्यकारी निदेशक एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया श्री सुजॉय दे ने हवाई अड्डों के विकास मॉडल पर की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी नए एयरपोर्ट के निर्माण में कई तकनीकी और पर्यावरणीय मानकों को प्राथमिकता दी जाती है।
पवन हंस लिमिटेड के महाप्रबंधक श्री पी.के. मरकन ने हेलिपैड विकास मॉडल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्यों में स्थाई हेलिपैड का निर्माण होना बेहद जरूरी है। स्थाई हेलिपैड का उपयोग नागरिक व सैन्य संचालन, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं (HEMS), आपदा राहत एवं अन्य कार्यों में सहायक सिद्ध होता है.