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हर्बल उत्पादनों के आंकड़ों का होगा डिजिटलीकरण : CS

उत्तराखण्ड: 13 जून 2025 शुक्रवार को देहरादून स्थित सचिवालय में उत्तराखंड की वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास एवं हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी (SLMC) की मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में जहां पर जड़ी बूटी  उत्पादन की तो व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन इन मैदानी  जनपदों में वन पंचायत का अस्तित्व नहीं हैं इसीलिए इन जनपदों में ग्राम पंचायत के माध्यम से  जड़ी – बूटी का उत्पादन प्रारंभ करें। उन्होंने कैंपा फंड के माध्यम से भी निजी भूमि पर हर्बल उत्पादन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।
इस मौके पर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि हर्बल उत्पादन के संबंधित सभी डाटा की GIS मैपिंग करें और इसके सभी स्तर के आंकड़ों का डिजिटलीकरण भी करें। उन्होंने हर्बल उत्पादन से संबंधित फॉरेस्ट और नॉन फॉरेस्ट एक्टिविटीज का FDA (फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी) से एग्जामिन कराने के  निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने हर्बल उत्पादन से संबंधित जुड़े हुए लोगों का एल्टीट्यूड वाइज प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार करने के भी निर्देश दिए।
 साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वन विभाग के अधीन वर्तमान समय में जो भी विभिन्न वनोत्पाद  उपलब्ध हैं उनकी बेहतर मार्केटिंग और वैल्यू एडिंग करते हुए उसको भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्थानीय लोगों की जीविकोपार्जन  का आधार बनाएं। जड़ी बूटी उत्पादन स्थानीय अर्थव्यवस्था के उत्थान और स्थानीय लोगों की जीविका और क्षमता विकास के दृष्टिगत अति महत्वपूर्ण हैं इसीलिए इस योजना को गंभीरता से इंप्लीमेंट करें ।

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