
उत्तराखंड: 12 मई 2025 सोमवार को देहरादून स्थित राजधानी के अस्पतालों में आजकल मौसमी बुखार, डेंगू मलेरिया व संक्रमण रोग के कारण अस्पतालों में बहुत भीड़ बढ़ रही है । जिसमें देहरादून जिला प्रशासन स्वास्थ्य एवं साफ सफाई एवं डेंगू के रोकथाम व जागरूकता के प्रति रोज नई दिशा निर्देश जारी कर रहा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि देहरादून के सबसे बड़े जिला अस्पताल कोरोनेशन में रोज करीब 800/900 की संख्या में मरीज पंजीकरण कर रहे हैं जिसमें डेंगू के खतरे एवं मौसमी बुखार व संक्रमण आदि रोग से पीड़ित मरीज इलाज कराने लंबी लाइनों में घंटों बिता रहे हैं।
दून के जिला अस्पताल के शौचालयों में पसरी गंदगी से मरीज परेशान हैं। गंदगी से अटा पड़ा जिला चिकित्सालय का शौचालय, यहां शौचालयाओं में गंदगी की वजह से बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इसकी सफाई पर ध्यान देने वाले जिम्मेदार सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पं0 दीनदयाल उपाध्यय कारोनेशन अस्पताल जिला अस्पताल देहरादूून के शौचालयों में पसरी गंदगी से मरीज परेशानअस्पताल के किसी शौचालय में गंदगी फैली हुई है तो किसी में पानी भरा हुआ है। इसके चलते अस्पताल में आए मरीज शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
सफाई कर्मियों का सफाई को लेकर आलम ये है कि बिना सफाई किए ही शौचालय के बाहर लगी वर्क शीट पर साइन कर दे रहे हैं। इस कारोनेशन अस्पताल की इमरजेंसी वॉर्ड के पास बना शौचालय पूरी तरह से गंदा पड़ा है। कमोड पानी से भरा हुआ है तो सिंक में पान की थूक पसरी हुई है। बदबू इतनी है कि के शौचालय में घुसना मुश्किल है। मरीज दूसरे वॉर्ड के शौचालय में जाने को मजबूर हैं। इस बारे में जानकारी लेने के लिए जब अस्पताल की सीएमएस को फोन किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
लोागो का कहना है कि सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मी द्वारा वार्डों में और अन्य स्थानों में बार.बार चमकाते है। लेकिन हैरानी की बात है कि यह सफाई कर्मी वार्ड एवं कार्यालय तक ही इतिश्री करते है। जबकि यह शौचालय बने हैं उनकी हालत इतनी बत्तर है की गंदगी एवं बदबू से लोगों को गंभीर रोगों का खतरा और बढ़ता दिखाई दे रहा है । यहां के अधिकांश शौचालय ; टॉयलेट, में नलो की टूटीयां टुटी है या फिर नहीं है । तथा टॉयलेट सीट भी टूटी और गंधी पड़ी रहती है । साथ ही पानी की सुचारू ढंग से व्यवस्था भी नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शौचालय में इतनी गंदगी मची है कि ना तो सफाई कर्मियों को कोई कहने वाला है। और इस कोरोनेशन अस्पताल के मेंटेनेंस कर्मचारी अपनी जिम्मेवारियों से दूर भाग गया हुआ है। साथ ही अस्पताल की स्वास्थ सेवाओं की व्यवस्था को देखना जनसंपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है। लेकिन उसे तो सीएमएस के कक्ष से ही बाहर निकालने की फुर्सत नहीं मिलती। और या फिर किसी वीआईपी की आओ भगत या अपने परिचित की सेवा में ही व्यस्त दिखाई देते हैं। इन्हें अस्पताल की व्यवस्था एवं यहां के मरीज और उनके तीमारदारों के स्वास्थ संबंधी परेशानियों को हल करने की बजाय कन्नी काट कर निकल जाता है।
जबकि जिलाधिकारी देहरादून महोदय, चिकित्सालय की साफ-सफाई एवं स्वास्थय संबंधी सुविधाओं एवं मरीज का विशेष ध्यान देने के लिए बार.बार यहां फटकार लगाकर जाते हैं। लेकिन इस अस्पताल के किसी भी अधिकारी के कान में कोई जूं तक नहीं रेंगती। इस अस्पताल की हालत अंदर से बेहद खराब बनी हुई है।गंदगी की वजह से पूरे हॉस्पिटल परिसर में गंदी बदबू आती है।
गंदगी का यह आलम जिला चिकित्सालय को मुंह चिढ़ाता नजर आता है. वहीं आसपास में भी गंदगी का आलम है. लेकिन प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इन समस्याओं पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दे रहा है। जिसकी वजह से अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वही एक मरीज ने कहा कि मैं कल रात से अस्पताल में एडमिट हूं। सुबह जब शौचालय गया तो देखा कि उसमें पानी भरा हुआ है। दूसरे वॉर्ड के शौचालय में उठ के जाने पर दिक्कत हो रही है। साथ ही वृद्धम्थ्ळल्ज्ञ भी बताती हैं कि मैं अपने पति के साथ यहां 2 दिन से हूं। शौचालय हमेशा से गंदा ही दिखा है। कल रात शौचालय में पानी भर गया है। इससे उसमें गिरने का डर लगा रहता है। गंदगी से भरे इस शौचालय पर संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. जिसकी वजह से बीमारियों का खतरा अस्पताल में आने वाले मरीजों और आसपास के क्षेत्र के लोगों के ऊपर मंडरा रहा है.यहां न तो पानी की व्यवस्था है और ना ही सफाई, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं है। ये गंदगी से भरे पड़े हैं।