
उत्तराखंड: 02 मई 2025 शुक्रवार को देहरादून / राजधानी स्थित आज डी. ए. वी (पीजी) कॉलेज, देहरादून के डॉ रवि शरण दीक्षित (प्रो.इतिहास विभाग,) के अनुसार प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा प्रणाली अपनी गुणवत्ता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही है और विश्व गुरु की स्थिति में रही है । इसके लिए हमारे शिक्षा केंद्र, तक्षशिला नालंदा विक्रमशिला,वल्लभी , कांचीपुरम शारदा पीठ जैसे अध्ययन केंद्र हमारी शिक्षा प्रणाली के आधार तथा पूरे विश्व के विद्यार्थी को ज्ञान का प्रसार करते रहे थे और वे विद्यार्थी अपने ज्ञान को प्राप्त करके अपने देश में उसका प्रचार प्रसार करते रहे थे।
वही डॉ दीक्षित के अनुसार वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में सरकार की तरफ से उठाया गया एक बड़ा कदम हो रहा है । जिसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क ने छात्रों के लिए एक साथ विविध विषयों का अध्ययन करना आसान बनाया है। साथ ही साथ समय की आवश्यकता को देखते हुए शिक्षा प्रणाली जो किसी भी छात्र के जीवन में और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। साथ ही वैश्विक स्तर की चुनौतियों को प्रभावशाली तरीके से निष्पादित करती है।
भारत मंडपम में युग्म नवाचार सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस बात पर विस्तृत रूप से चर्चा की साथ ही साथ ई विद्या और दीक्षा प्लेटफार्म के तहत ए. आई. आधारित तथा डिजिटल शिक्षा अवसंरचना मंच एक राष्ट्र एक डिजिटल शिक्षा अव संरचना पर जोर दिया है।
भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए वर्तमान परिवेश की शिक्षा प्रणाली महति भूमिका निभाएगी। और इसी के लिए सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता महसूस कर रही है।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में समय की आवश्यकता इस बात पर है कि विषय वस्तु को सीमित करते हुए जीवन कौशल,अनुभव पर जोर दिए जाना बेहतर है उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्नातक स्तर पर एस एस डी इस तरह का कोर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।
जिसमें छात्र-छात्राएं अपने अध्ययन काल में अंतिम वर्ष में ग्राम पंचायत की कार्य प्रणाली सहित समाज में सरकार द्वारा किए जा रहे अभियान जैसे स्वच्छता,पर्यावरण चेतना जल संरक्षण आदि के प्रति चेतना तथा उसमें भागीदारी के विषय में जमीनी स्तर पर जाकर अध्ययन करते हैं। और उसकी रिपोर्ट अपने शिक्षक / कॉलेज को प्रस्तुत करते हैं। इस तरह उसके सर्वांगीण विकास में कुछ ऐसे अनुभव जोड़ते हैं जो उसको आगे के व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सहायक होंगे । ले भविष्य की शिक्षा का उद्देश्य एक ऐसा युवा तैयार करना है होना चाहिए जो अध्ययन के साथ व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी सहजता से अपने जीवन मे उत्कृष्ट मानक स्थापित कर सके।
डॉ रवि शरण दीक्षित (प्रो.इतिहास विभाग,) डी ए वी पीजी कॉलेज, देहरादून