
उत्तराखण्ड : 10 मार्च 2025 ,देहरादून। उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज सोशल मीडिया मे पोस्ट करते हुये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को निशाने पर लिया। हरीश रावत ने
फेसबुक एकाउंट मे पोस्ट करते हुये कहा की महेंद्र भट्ट एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। पहले तो मैं उनके बयानों पर टिप्पणी नहीं करता और यदि कभी टिप्पणी करने की आवश्यकता पड़ती है तो मुलायम शब्द छांटता हूं। क्योंकि मैं राजनीतिक कटुता को प्रदेश की राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं। मगर गैरसैंण में हुई उत्तराखंड स्वाभिमान रैली में भाग लेने वालों को महेंद्र भट्ट ने सड़क छाप नेता कहा है।
कभी भाजपा, सामाजिक कार्यकर्ताओं को झोलाछाप कह देती है, कभी टुकड़ा-टुकड़ा गैंग का देती है, कभी कुछ नामकरण कर देती है, अब इन्होंने सड़क छाप कहा है। नरेंद्र सिंह नेगी के आवाह्न पर यह “उत्तराखंड स्वाभिमान रैली” गैरसैंण में सम्पन्न हुई। उसमें लोगों के जोश को देख कर भाजपा का घबराना स्वाभाविक है। लेकिन घबराहट में आप ऐसे शब्दों का प्रयोग करें सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए, राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए उसमें भाग लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक स्वाभिमानी उत्तराखंडी है, उसमें भाग लेने वाले लोग कई-कई संघर्षों के साक्षी हैं।
कुछ नवोदित लोग भी हैं जो हमारे खिलाफ भी संघर्ष जोड़ते हैं। हम उनसे सहमत और असहमत हो सकते हैं। लेकिन उनके लिए हम एक छोटी, ओछी मनोभावना रखते हुए कहें कि यह सड़क छाप हैं तो यह संबोधन स्वीकार नहीं होना चाहिये। जिसमें कई सामाजिक संगठनों, संघर्ष के संगठनों के नेतागण, उसमें कुछ भूतपूर्व सैनिक थे, उसमें निर्वाचित प्रतिनिधि थे वह आपके विरोध में हैं, उनको आप सड़क छाप कहेंगे।
भट्ट जी आप एक व्यक्ति के कुत्सित, छोटी व ओछी भावना को, निंदनीय भावना को बचाने के लिए क्या-क्या बयान नहीं दे रहे हैं! सत्यता यह है कि सदन में पीठ का व्यवहार भी लोगों को बहुत चुभा है। उत्तराखंड की आत्मा पर उससे चोट लगी है और जिन शब्दों का इस्तेमाल एक मंत्री ने किया है, वह शब्द निंदनीय है और किसी के लिए भी इस तरीके से संबोधित करना, किसी धर्म, जाति, क्षेत्र, व्यवसाय, भाषा यदि आप इस तरीके के शब्दों से उनको नवाजेंगे तो निश्चित तौर पर जितना आज उत्तराखंड उद्वेलित है, उतना ही उद्वेलित इस तरीके से कोई भी व्यक्ति किसी के लिए नीचतापूर्ण शब्दों का उपयोग करेगा तो उत्तराखंड अपना गुस्सा जाहिर करेगा। इसलिये भट्ट जी आज उत्तराखंड गुस्से में है। आप कुछ भी कहिए, आप कितना ही ढाल बनने का प्रयास करिए, आप उत्तराखंड के इस गुस्से को झेल नहीं पाएंगे।