
उत्तराखण्ड : 06 फरवरी 2025 ,देहरादून। घरों में लगाए गए मीटर भले ही नए हों, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद वह पुराने हो जाएंगे। अब आधुनिक तकनीक के मीटर लगाए जा रहे हैं, जिनसे कंज्यूमर्स को कई फायदे होंगे। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत उत्तराखंड में स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने का कार्य शुरू हो गया है। ऊर्जा निगम ने इसकी शुरुआत तेज गति से की है। तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों और अधिकारियों के आवास से शुरू हुआ स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अब घरेलू उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंच गया हैं।
ऊर्जा निगम की ओर से कुमाऊं क्षेत्र में अडानी ग्रुप को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें लगभग 6.25 लाख मीटर और गढ़वाल क्षेत्र में जीनस कंपनी की ओर से लगभग 9.62 लाख मीटर की स्थापना की जाएगी। सभी मीटर निशुल्क लगाए जाएंगे। ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन ने बताया कि स्मार्ट मीटर एक ऐसा आधुनिक मीटर है, जिसका कंट्रोल उपभोक्ताओं के हाथों में होगा। इससे पल-पल के बिजली उपयोग की जानकारी, जरुरी सूचनाएं, बिजली के उपयोग की तुलना सहित आसान पेमेंट विकल्प मिलते हैं। निगम की ओर से अडानी व जीनस कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से जारी मानक बोली दस्तावेज में निहित नियमानुसार निविदा अवार्ड होने के पश्चात ही स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य दिया गया है। डायरेक्टर ऑपरेशन ने बताया कि अडानी ग्रुप की ओर से देश के अन्य राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य गतिमान है, जिसमें बिहार, असम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि राज्य सम्मिलित हैं। इस योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर प्रणाली की स्थापना का कार्य न केवल उत्तराखंड राज्य बल्कि पूरे देश में 45 से भी अधिक निजी कंपनियों के माध्यम से किया जा रहा है।
अडानी समूह से मिली जानकारी के अनुसार “कुमाऊं क्षेत्र में, अडानी समूह ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की है, जो पारंपरिक बिजली मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदलने की भारत सरकार की योजना के अनुरूप है।”
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के साथ ही उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में 15 लाख 87 हजार उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे और हर उपभोक्ता की लगभग 2400 रुपये तक की जमा सिक्योरिटी राशि उन्हें लौटाई जाएगी। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक के अनुसार उपभोक्ता चाहें तो यह राशि अपने बिल में समायोजित कर सकते हैं या इसे प्रीपेड मीटर के रिचार्ज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे वे बिना रिचार्ज किए भी बिजली उपयोग कर सकेंगे। यूपीसीएल ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा यह पूरी तरह निशुल्क सेवा है। अक्टूबर 2024 मे सबसे पहले तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों और अधिकारियों के आवास पर प्रीपेड मीटर लगने का काम शुरू हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और सरकारी कार्यालयों में इस प्रक्रिया को पूरा किया गया, साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए भी प्रीपेड मीटर लगवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया हैं।
उत्तराखंड के साथ ही देशभर में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
– कुमाऊं में अडानी कंपनी लगा रही 6.25 लाख स्मार्ट मीटर
– गढ़वाल क्षेत्र में जीनस कंपनी की ओर से लगाए जा रहे 9.62 लाख मीटर
– कंज्यूमर्स के हाथ में होगा मीटर का कंट्रोल, जितनी जलाओगे बिजली उतना ही करना पड़ेगा चार्ज
– घर बैठे मोबाइल फोन से 90 रुपए से रिचार्ज हो जाएगा प्रीपेड स्मार्ट मीटर