
उत्तराखंड: 17 अप्रैल 2025 भारत के जिस पश्चिम बंगाल को कभी साहित्य,संस्कृति,चेतना और क्रांति की भूमि के रूप में जाना जाता था,आज वह एक अत्यन्त ही विकृत रूप में हमारे समक्ष खड़ा है — एक ऐसा प्रदेश जहाँ शासन सत्ता ने न्याय को धर्म से,प्रशासन को तुष्टीकरण से और कानून को भय से बदल दिया है। यह भूमि अब हिन्दुओं के लिये रक्षात्मक नहीं,शत्रुतापूर्ण बन चुकी है।
ये क्रिकेटर युसुफ पठान है जो दंगों में सुलगते मुर्शिदाबाद का सांसद है! इसने शांति की अपील तक नहीं की ,की हिन्दुओ के घर मकान दुकान मत जलाओ हिन्दुओ की बहन बेटियो को घसीट कर मत लेजाओ हिंदुओं की हत्या मत करो हिंदुओं को पलायन पर मजबूर मत करो ।
खैर इसकी कोई ग़लती नहीं लगती।यह अपने कर्तव्य पथ पर है।
यह अपने मुस्लिम होने का धर्म निभा रहा है। यह अपने एजेंडे पर काम कर रहा है।
गुजरात का रहने वाला डेमोग्राफी के मद्देनजर मुर्शिदाबाद पहुंचता है।
कोई दिल्ली से वायनाड जा रहा है। इनकी नजर अर्जुन की तरह मछली की आंख पर है।
मुझे हिंसा आगजनी से भी ज्यादा वो तस्वीरें ज्यादा विचलित करती हैं जिनमें पाकिस्तान , बंगलादेश देने के बाद , बचे खुचे भारत में भी हिंदू डरकर अपने गांव घर से पलायन करने को विवश है ।
बंगाल का बेबस , लाचार हिंदू कहे तो किस से कहे। वो तो कतर , बहरीन , मिस्र , यूएई को भी चिठ्ठी नहीं लिख सकता। ले दे के यही तो एक छोटा सा टुकड़ा बचा है , जहां हम जन्माष्टमी पर झांकी निकाल सकते हैं , शोभायात्रा निकाल सकते हैं और अब यह दायरा भी धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। कही ये सेकुलरी और सेक्युलरिजम बहुत महंगा न पड़े! मुर्शिदाबाद हिंसा में बड़ा खुलासा! बंगाल को बांग्लादेश बनाने की थी साजिश..तो नही?