सोमवती अमवस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए इन 5 जगहों पर जलाएं दीपक
उत्तराखण्ड : 20 देहरादून 2024 ,देहरादून। इस साल सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ रही है, जो पौष अमावस्या के साथ-साथ 2024 की आखिरी अमावस्या भी है। साधक इस खास दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन भक्त जन पवित्र नदियों में स्नान करना और उसके बाद दान करते हैं। ऐसा करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अमवस्या के दिन भक्त अपने पूर्वजों के लिएप्रार्थना करते हैं उनका तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं।
इतना ही नहीं, सोमवती अमावस्या के दिन दीपक जलाने का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस धार्मिक कार्य से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और पूर्वजों को खुशी मिलती है। ऐसा करने से परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
इस दिन इन स्थानों पर दिया जलाएं
घर के मुख्य द्वार पर दिया रखें
सोमवती अमावस्या के दिन घर के बाहर मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के लिए घी दीया जलाएं। इसके साथ ही पास में एक पानी का बर्तन रखें। जब तक दिया जल रहा है तब तक मुख्य द्वार का दरवाजा खुला रहना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इतना ही नहीं, दीपक जलाने से घर से नकारात्मकता दूर होती है।
घर के बाहर दक्षिण दिशा में दिया जलाएं
इस अमवस्या को आप घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों के लिए आप सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धार्मित मान्यता है कि अमावस्या के दिन शाम को जब पितर अपने लोक में जाते हैं, दीपक रोशनी से उनका मार्ग रोशन होता है। ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
पितरों की फोटो के पास दिया
इस दिन आप अपने पितरों के तस्वीरों के सामने दिया जला सकते हैं। अमवस्या के दिन घरती पर पितर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण और पिंडदान करने की अपेक्षा रखते हैं। इस दिन आप सरसों के तेल या तिल का तेल का उपयोग कर सते हैं।
पीपल के पेड़ के पास रखें
इस दिन आप सरसों का तेल का दिया पीपल के पेड़ के पास जा कर रख सकते हैं। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में देवी-देवताओ का वास होता है। ऐसा करने से घर के सभी दुख दूर होते हैं।
घर के ईशान कोण में दिया जलाएं
सोमवती अमावस्या के दिन घर में आप ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। मान्यताओं के लिए अनुसार, इस दिशा में देवताओं का वास होता है। इस दिशा में दिया रखने से घर में धन-धान्य के भंडार लगे रहते हैं और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।