उत्तराखण्ड : 20 नवम्बर 2024 ,बागेश्वर। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के तत्वाधान में विकास भवन सभागार में विश्व शौचालय दिवस मनाया गया। यह अभियान आज से दस दिसम्बर तक चलेगा। जिसमें व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक शौचालयों की क्रियाशीलता व उपयोगिता और सौंदर्यता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही स्वच्छता आदतों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि विश्व भर में आज शौचालय दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि खुले में शौच मुक्त करना है तथा लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना है। उन्होंने कहा खुले में शौच मुक्त के लिए समाज में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के साथ साथ शौचालयों की उपयोगिता पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा शौचालय साइंटफिक तरीके से बने हो और सोसायटी उसका उपयोग कर रही है तभी एक सोसायटी व समाज में परिवर्तन होगा।जिलाधिकारी ने कहा कि खुले में शौच को रोकने के लिए समाज में जागृति उत्तपन्न करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग और प्रयासों से गांव में शौचालय अच्छे बने हुए है। लेकिन उसका उपयोग हो रहा है या नही उसको देखने की आवश्यकता है। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यक्रम में विभिन्न गांवों से आए हुए ग्राम प्रधानों,स्वयं सहायता महिला समूहों को मेडिसन एवं एरोमैटिक प्लांट के क्षेत्र में भी काम करने के लिए प्रेरित किया। भविष्य की आवश्यकता एवं अच्छी आमदनी और यहां की जलवायु को देखते हुए जिलाधिकारी ने जड़ी बूटी उत्पादन में रोजमैरी, कुटकी,तुलसी, सहित अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों के उत्पादन में आगे आने का आवह्न किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सगन्ध खेती को जंगली जानवर क्षति नही पहुंचाते हैं और न ही इसके अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। किसान अपनी खेती बागवानी के साथ साथ जड़ी बूटी के उत्पादन में भी काम करें और अपनी आजीविका को मजबूत करें। मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने कहा कि शौचालय निर्माण में पंचायतों की अहम भूमिका है। इसके रख-रखाव के साथ साथ इसका उपयोग कर खुले से शौच मुक्त कराने में पंचायतों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने पंचायतों में स्वच्छता पर जोर देते हुए खुले में शौच मुक्त के लिए अन्य को भी प्रेरित करने पर बल दिया। इस दौरान कई ग्राम प्रधानों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर शौचालय के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। जिसमें देवेंद्र कुमार,दिवानराम, दुर्गाप्रसाद, नन्दनगिरी, मोहन सिंह,जीवन सिंह,दयादेवी,तारा देवी,सूरज कुमार शामिल रहे।