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खेल मंत्री के निर्देश पर युवा महोत्सव/आगामी 38 वें राष्ट्रीय खेलों का प्रचार-प्रसार आगे कैसे होगा!

उत्तराखण्डः10 NOV. 2024, देहरादून ! उत्तराखण्ड सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने राजधानी देहरादून में प्रेस वार्ता कर शहर में होने वाले “युवा महोत्सव” के बारे में जानकारी दी । वही उन्होने कहा कि  उत्तराखण्ड राज्य रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर राज्य युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। युवा महोत्सव में विविध प्रतियोगिताओं के आयोजन से प्रदेश की संस्कृति तथा आगामी 38 वें राष्ट्रीय खेलों का प्रचार-प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवा खेल के साथ-साथ अन्य इन्नोवेटिव प्रतिस्पर्धाओं के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।

साथ ही उन्होने  बताया कि युवाओं को इनोवेटिव प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में आगामी 10 से 14 नवंबर तक परेड ग्राउंड, देहरादून में राज्य युवा महोत्सव का आयोजन किया।

वही जिसमें आपको बता दे की खेल मंत्री उत्तराखंड सरकार रेखा आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को स्पष्ट किया था कि युवा महोत्सव 10 से 14 नवंबर तक रहेगा जिसमें सभी प्रकार के प्रचार प्रसार किया जाएगा। वहीं इसी के साथ आगामी 38 में नेशनल गेम्स उत्तराखंड में कराने हेतु जिसकी सभी तैयारी पूर्ण कर दी गई है। साथ ही युवा महोत्सव व आगामी नेशनल गेम्स के प्रचार प्रसार हेतु के लिए सोशल मीडिया एवं अन्य समाचार पत्रो एवं अन्य माध्यमों से किया जाएगा।

वही मंत्री के इस आदेश व निर्देश के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खेल मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी एवं खेल विभाग के कुछ अधिकारी प्रचार प्रसार में अपनी मनमर्जी के चलते अपने चुनिंदा न्यूज़ पोर्टल/ सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से प्रचार प्रसार कर रहे हैं। बाकी जो अन्य समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल हैं, उन्हें नजर अंदाज किया जा रहा है।

सूत्र ने यह भी बताया है कि े जनसंपर्क अधिकारी मा0मंत्री जी के आदेशों को दरकिनार रख! अपने स्तर पर चाहेते चुनिंदा न्यूज पोर्टल वालो एवं समाचार पत्रो में विज्ञापन प्रदान कर रहे हैं। वही जिसमें उत्तराखंड युवा महोत्सव 9 नंवबर 2024 कार्यक्रम के विज्ञापन जारी होने पर यह देखने को मिला है कि कुछ चुनिंदा समाचार पत्रों एवं न्यूज़ पोर्टलो को ही विज्ञापन प्रदान किए गए हैं। जिसमें कई न्यूज पोर्टल वालों ने खेल मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने का दो टूक में जवाब था कि जिन्हें विज्ञापन देना था उन्हें विज्ञापन दे दिया गया है। अब आगे भविष्य में बाकी न्यूज़ पोर्टल एवं समाचार पत्रों के बारे में विचार विमर्श कर विज्ञापन की प्रक्रिया करेंगे।

अब देखने वाली बात यह है कि यह जनसंपर्क अधिकारी सरकार के आगामी नेशनल गेम्स में कितना प्रचार प्रसार राज्य में खेल योजनाओं एवं सरकार की उपलब्धियां को उजागर करने में कितना कारगर साबित होगा यह आने वाला भविष्य ही बताएगा। लेकिन कई न्यूज़ पोर्टल वालो का कहना है कि जनसंपर्क अधिकारी मंत्री जी के आदेशों का पालन ठीक ढंग से नही कर रहा है। साथ ही इनके द्वारा चाहेते न्यूज पोर्टल वालों एवं समाचार पत्रों के साथ भेदभाव जैसा व्यवहार देखने को मिला है। अगर इसी तरह से प्रचार प्रसार में जनसंपर्क अधिकारी अपनी मनमर्जी से विज्ञापनों में प्रचार प्रसार का कार्य देखेंगे तो सरकार की मुख्य योजनाएं एवं सरकार का उद्देश्य का प्रचार प्रसार सीमित ही हो पाएगा।

वही इस पर कुछ न्यूज़ पोर्टल एवं समाचार पत्रों का कहना है कि माननीय खेल मंत्री को विज्ञापन संबंधी कई बार विज्ञापन संबंधित आवेदन पत्र भी दिए लेकिन जनसंपर्क अधिकारी आगे न्यूज पोर्टल वालो के पत्र शयद आगे बढ़ते नहीं है या फिर उन्हें दबाकर बैठे हुए हैं। साथ ही उनका कहना यह है कि जो भी समाचार पत्र या न्यूज़ पोर्टल के रिक्वेस्ट लेटर यानी विज्ञापन आवेदन पत्र आते हैं तो उनकी रिसीविंग भी दी जाए प्रति दी जाए। जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि किस न्यूज़ पोर्टल या समाचार पत्र ने कब किस तिथि को विज्ञापन के लिए खेल मंत्री जी को आवेदन किया था। और इस पर अब तक क्यों विलंब हुआ और किस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह भी स्पष्ट हो जाएगा। जिस मंत्री जी को भी पत्रकार अवगत करा सकते हैं। क्या ऐसे जन संपर्क अधिकारियों एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों के भरोसे सरकार की विभिन्न उपलब्धियां/महिला सशक्तकरण योजनाएं व नेशनल गेम्स आदि का प्रचार प्रसार चलेगा! जरा सोचिए..? जरा सोचिए..?

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