दिल्लीउत्तराखंडत्योहार/दिवस

गणपति विसर्जन पर SC का बड़ा फैसला,ढोल-ताशा बजाने दें, यह पुणे का दिल है!!

नई दिल्ली/उत्तराखण्डः12 सितंबर 2024, ब्रहस्पतिवार को ,मिली ताजा जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने  गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान ‘ढोल-ताशा’ समूहों में लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने के एनजीटी के निर्देश पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने आदेश सुनाते हुए कहा कि उन्हें ढोल-ताशा करने दीजिए, यह पुणे का दिल है। इससे पहले एनजीटी ने गणेश उत्सव के दौरान सामूहिक प्रदर्शन में संख्या सीमित कर दी थी।

साथ ही  एनजीओ ने सीजेआई के सामने एनजीटी के 30 अगस्त के आदेश को उठाते हुए कहा, एनजीटी पुणे में गणपति के विसर्जन के लिए ढोल ताशा समूह में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करने का लिखित आदेश दिया है। एनजीटी ने गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए लोगों की संख्या कैसे सीमित कर सकता है?

वही इस  एनजीटी के आदेश के खिलाफ पुणे स्थित ढोल-ताशा समूह की याचिका पर दोपहर 2 बजे सुनवाई करने का फैसला करते हुए, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया। वकील अमित पई ने कहा कि सौ वर्षों से अधिक समय से पुणे में ‘ढोल-ताशा’ का बहुत “गहरा सांस्कृतिक महत्व” रहा है और इसकी शुरुआत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी।

उन्होंने कहा कि एनजीटी का 30 अगस्त का निर्देश ऐसे समूहों को प्रभावित करेगा। पीठ ने कहा नोटिस जारी करें… लिस्टिंग के अगले दिन तक, दिशा संख्या 4 (ढोल-ताशा समूहों में व्यक्तियों की संख्या पर) के संचालन पर रोक रहेगी। उन्हें अपना ‘ढोल ताशा’ करने दें। यह पुणे के दिल में है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button