जयपुर में मीट की दुकान के बाहर झटका या हलाल लिखना अनिवार्य, अवैध दुकानों पर भी होगा एक्शन
जयपुर। राजस्थान के जयपुर नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में मांस विक्रेताओं के लिए एक नया नियम लागू किया गया है। इस नियम को लेकर आगे आने वाले समय में बवाल मच सकता है। नए नियम के मुताबिक, जयपुर में अब मीट की दुकानों के बाहर ‘झटका’ या ‘हलाल’ लिखना अनिवार्य है। इस फैसले को ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने मंजूरी दे दी है। यह निर्णय कार्यकारी समिति की चौथी बैठक के दौरान किया गया। इसके अलावा अब रिहायशी इलाकों में मांस की दुकानें प्रतिबंधित हैं। जानकारी के मुताबिक, मांस की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण तभी किया जाएगा जब प्रतिष्ठान के पास व्यावसायिक पट्टा हो।
गौरतलब है कि जहां योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में इस समय दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का मुद्दा गर्म है, वहीं जयपुर ने ‘हलाल’ और ‘झटका’ मांस की लेबलिंग को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नया शासनादेश जयपुर नागरिक निकाय की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है कि शहर में व्यावसायिक पट्टा विलेख के बिना चल रही मांस की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। नगर निगम में लंबित पट्टा आवेदनों को एक माह के भीतर निस्तारित करने का भी निर्णय लिया गया।
जयपुर ग्रेटर नगर निकाय के अनुसार, लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि दुकानों के लाइसेंस एक प्रकार के व्यवसाय के लिए प्राप्त किए गए थे, लेकिन उनका उपयोग पूरी तरह से अलग उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए अब दुकानों के लिए यह जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है कि वे ‘हलाल’ मांस बेचते हैं या ‘झटका’ मांस। इसके अलावा, यह उम्मीद की जाती है कि इन दुकानों के स्थान और वे नियमों का किस हद तक अनुपालन कर रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा। नगर निगम इन नियमों को लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर रहा है, जिन्हें जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।