नहीं बाहर आ पाएंगे मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी याचिका!
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा क्रमशः अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसौदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाएं फिर से शुरू कर सकते हैं।
अभियोजन की शिकायत ईडी के आरोप पत्र के बराबर है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने ईडी और सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां 3 जुलाई तक अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करेंगी। सिसौदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने उनके लिए जमानत की मांग करते हुए कहा कि राजनेता के लगभग 15 महीने तक हिरासत में रहने के बावजूद इन मामलों में सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है क्योंकि जांच अभी भी चल रही है। आम आदमी पार्टी (आप) नेता सिसौदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने दो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच किए गए मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को बड़ा झटका देते हुए, उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दीं कि यह मामला उनके द्वारा सत्ता के गंभीर दुरुपयोग और जनता के विश्वास के उल्लंघन से जुड़ा है। सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके द्वारा 2021-22 के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। सिसौदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।