उत्तराखंडस्वास्थ्य

निःशुल्क जन जागरूकता व्याख्यानों का आयोजन : डॉ. संजय !

उत्तराखण्ड : 14 मई 2024 , देहरादून। संजय ऑर्थाेपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर जाखन देहरादून व सेवा सोसाइटी ने 8वें संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर निःशुल्क जन जागरूकता व्याख्यानों का आयोजन किया। पद्म श्री से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय और इंडिया एवं इंटर नेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स होल्डर डॉ. गौरव संजय ने 14 मई 2024 को उत्तराखंड प्रेस क्लब, देहरादून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डॉ. बी. के. एस. संजय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल भारत में लगभग 5 लाख दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनमें से करीब डेढ़ लाख लोग मारे जा रहे हैं। जैसे-जैसे देश की आर्थिक स्थिति सुधर रही है, वैसे-वैसे जनता की भी। जिससे वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक भारत में दुनिया के केवल 1 प्रतिशत वाहन हैं लेकिन दुर्घटनाओं की संख्या दुनिया की 11 प्रतिशत है। हमारे देश में सड़क दुर्घटनाएं ने एक महामारी का रूप ले लिया है।
गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए बताया कि इन दुर्घटनाओं का समाज और राष्ट्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सड़क यातायात दुर्घटनाओं से प्रत्येक पीड़ित गरीब हो जाता है और गरीब और अधिक गरीब हो जाता है। यह दुर्घटनाएं देश के विकास में एक रोड़ें का काम कर रही हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं से समग्र समाज को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। डॉ. संजय ने यह भी बताया कि उनके क्लीनिकल अध्ययन से पता चला है कि 90 प्रतिशत दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होती हैं। इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और रोका जाना चाहिए। डॉ. संजय ने समाज से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और पीड़ितों और उनके दोस्तों और परिवारों की शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक पीड़ा को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की। पद्म श्री से सम्मानित डॉ. बी.के.एस. संजय, उनके पुत्र डॉ. गौरव संजय और उनकी टीम सड़क दुर्घनाओं से पीड़ितों और उनके दोस्तों और परिवार के सदस्यों की पीड़ा और भावनाओं को साझा करके सड़क यातायात दुर्घटना के परिणाम के बारे में जनता में जागरूकता फैला रही है। इंडिया एवं इन्टरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर आर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने कहा कि हमारी संस्था 2001 से सड़क सुरक्षा अभियान चला रही है। हम ऑडियो- विजुअल व्याख्यानों के माध्यम से जागरूकता फैला रहे हैं। इसी कड़ी में गत वर्षो की ही भाँति इस वर्ष भी इनके सेंटर द्वारा जीआरडी अकादमी, देहरादून, गुरूनानक काॅलेज, झाझरा, देहरादून, उत्तरांचल आयुर्वेदिक काॅलेज, राजपुर, देहरादून एवं वर्णी जैन इंटर काॅलेज, देहरादून आदि में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक किया गया एवं सड़क यातायात के नियमों को पालन करने की शपथ दिलाई गई। जो कि इनके द्वारा समाज के लिए एक सराहनीय पहल है। आज तक हमारे संस्थान ने देश एवं प्रदेश के सरकारी एवं गैर सरकारी विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, से लेकर एम्स और आई.आई.टी. जैसे राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थानों में भी 200 से अधिक मुफ्त जन जागरूकता व्याख्यान दिए हैं। इस उपलब्धि को इंडिया और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉड्र्स में सूचीबद्ध किया जा चुका है।
इंडिया और इंटरनेशनल बुक रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. गौरव ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण वाहन चलाते समय तेज गति, शराब पीकर वाहन चलाना, चलते वाहन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल, नींद की कमी और वाहन चालक की थकान है। मानव संसाधन पृथ्वी ग्रह पर सबसे बड़ा संसाधन है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर हम हमेशा हेलमेट और सीट बेल्ट पहनें तो दोपहिया वाहनों में 20 प्रतिशत और चौपहिया वाहनों में 20 प्रतिशत यानी कि 40 प्रतिशत मौतों को आसानी से रोका जा सकता है।
डॉ. गौरव संजय समय-समय पर जनता से यातायात नियमों को सीखने और उनका पालन और सरकार से भी यातायात नियमों को शिक्षित करने और लागू करने की अपील करते रहते हैं। उन्होंने कहा और उन्हें उम्मीद है कि अगर ऐसा किया गया तो दुर्घटनाओं की संख्या और उनके परिणामस्वरूप पीड़ितों और समाज को होने वाली पीड़ा कम से कम होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button