उत्तराखंडक्राइम

अर्न्तराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह का खुलासा!

उत्तराखण्ड : 02 मई 2024 ,देहरादून। एसएसपी देहरादून की सटीक सूचना पर अर्न्तराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह दून पुलिस की गिरफ्त में आ गया हैं। राजपुर क्षेत्रान्तर्गत ब्रहामणवाला गांव में स्थित एक फ्लैट से आईपीएल मैचो में ऑनलाइन सट्टा लगाते हुए 09 अभियुक्तों को दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। पुलिस का दावा हैं की ऑनलाइन सटटा गिरोह दुबई से संचालित हो रहा था। अभियुक्तों के कब्जे से ऑनलाइन सट्टे में प्रयुक्त किये जा रहे 08 लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण व अन्य सामग्री बरामद हुई है। अभियुक्त के खातो में करोडो रुपये के ट्रान्जैक्शन होने की पुलिस को जानकारी मिली हैं। ऑनलाइन सटटे में प्रयोग किये जा रहे बैंक खातो को सीज करते हुए उसमें जमा कुल 925000 रूपये की धनराशि को पुलिस ने फ्रीज करा दिया हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह को गोपनीय माध्यम से वर्तमान में चल रहे आईपीएल मैचो में ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले अर्न्तराष्ट्रीय गिरोह के सम्बंध में जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर एसएसपी देहरादून द्वारा तत्काल पुलिस क्षेत्राधिकारी मसूरी के नेतृत्व में थाना राजपुर पर अलग-अलग पुलिस टीमों का गठित की गई। गठित टीमों द्वारा राजपुर क्षेत्रान्तर्गत ब्रहामण वाला गांव में पुरूकुल रोड के किनारे स्थित एक फ्लैट में दबिश देते हुए आईपीएल मैचो में ऑनलाईन सट्टा लगा रहे 09 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तो से पूछताछ में उनके द्वारा अपना नाम सिराज मेमन पुत्र अब्दुल फरीद निवासी सिविल लाइन निकट साई मंदिर जिला दुर्ग थाना सिविल लाइन छत्तीसगढ़ उम्र 26 वर्ष, सौरभ पुत्र जानकी राम निवासी आसाराम बापू के आश्रम के सामने गली नंबर 2 जिला चिलवाड़ा उम्र 23 वर्ष, विवेक अधिकारी पुत्र इंद्र अधिकारी निवासी कोरबा थाना एक्सल जनपद कोरबा छत्तीसगढ़ उम्र- 20 वर्ष, लोकेश गुप्ता पुत्र सीताराम निवासी पीपल चौराहा थाना करोड़ मध्य प्रदेश उम्र 29 वर्ष, सोनू कुमार पुत्र उपेंद्र सिंह निवासी मिन्ह कॉलेज थाना औरंगाबाद जनपद औरंगाबाद बिहार उम्र 23 वर्ष, मोनू पुत्र हरीश निवासी अंबिकापुर थाना माली जनपद सरगुआ छत्तीसगढ़ उम्र 24, विकास कुमार पुत्र हरेंद्र निवासी क़र्ज़ा जनपद मुजफ्फरपुर बिहार उम्र 33 वर्ष, शिवम पुत्र अरुण निवासी थाना टिकरापारा जनपद रायपुर छत्तीसगढ़ उम्र 23 वर्ष व शत्रुघन कुमार पुत्र राजकुमार निवासी जीवन नाथ थाना सरैया जनपद मुजफ्फरपुर बिहार उम्र 21 वर्ष बताया। मौके पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के कब्जे से आनलाईन सट्टा लगाने में इस्तेमाल किये जा रहे कुल 08 लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन,एवं अन्य इलैक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य सामग्री हुई बरामद हुई। अभियुक्तगणों के विरुद्ध थाना राजपुर में धारा 3/4 जुआ अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन सट्टे का पूरा नेटवर्क दुबई से शुभम नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित किया जाता है तथा देहरादून में सटटे का काम सिराज मेनन द्वारा देखा जाता है, अभियुक्त मोबाईल फोन के जरिये ऑनलाइन सट्टे की साइट, लेजर, टाइगर तथा ऑल पैनल पर जाकर आँनलाईन सट्टा खिलवाते है तथा लोगो से पैसे लेकर बुकी का काम करते है। आनलाईन सटटे की साइटों की आईडी एंव लिंक अभियुक्तों को शुभम, निवासी छत्तीसगढ़ के द्वारा मोबाइल फोन के जरिये उपलब्ध करायी जाती है। शुभम द्वारा पैसे लेकर अभियुक्तों को सटटे के ऑनलाइन प्वांइन्टस उपलब्ध कराये जाते है, जिन्हें अभियुक्तों द्वारा आगे लोगो को ऑनलाइन बेचकर उनसे पैसे लेकर सट्टा खिलवाया जाता है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है। सटटे की सारी धनराशि ऑनलाईन गूगल पे के माध्यम से ली जाती है। आज भी अभियुक्तों द्वारा आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा लगाकर लगभग ₹9 लाख रुपए का क्लैक्शन किया था तथा पूरे मैच में अभियुक्तो द्वारा लगभग 01 करोड का क्लैक्शन किया जाना था, परन्तु मैच समाप्त होने से पूर्व ही पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्तमान में चल रहे आईपीएल मैचो के दौरान पिछले एक माह में अभियुक्तों के खातों मंे लगभग 20 करोड़ रू0 के ट्राजेक्शन की पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई है। जिसके सम्बंध में विस्तृत जानकारी की जा रही है। अभियुक्तो द्वारा ऑनलाईन सटटा खेलने वाले ग्राहकों को एक लिंक भेजा जाता है, जिसे क्लिक करते ही उन्हें एक नंबर उपलब्ध हो जाता है, फिर अभियुक्तो द्वारा उक्त नंबर को व्हाट्सएप से लिंक करके ग्राहक से संपर्क करते हुए उनका व्हाट्सएप डाटाबेस तैयार किया जाता है तथा सटटा खिलाने में प्रयुक्त तीनो ग्लोबल साइटों में से ग्राहक द्वारा चयनित की गई साइट के माध्यम से उसे व्हाट्सएप के जरिए डिपाजिट स्लिप उपलब्ध कराते हैं जिसमें बैंक की डिटेल दी जाती है, उक्त बैंक खातों मे ही पैसो का लेनदेन होता है। पेमेंट साइट के बाद ग्राहक की आईडी जेनरेट होती हैं तथा पासवर्ड ग्राहक को उपलब्ध कराया जाता हैं तथा उसके बाद ग्राहक द्वारा गूगल क्रोम के माध्यम से उक्त ग्लोबल साइट को खोलकर ऑनलाइन सटटा लगाया जाता है। धनराशि जीतने पर ग्राहक द्वारा व्हाटसएप के माध्यम से अभियुक्तो से सम्पर्क किया जाता है, जिनसे अभियुक्तों द्वारा एक ऑनलाइन विड्रॉल फार्म भरवाकर पैसे उनके खाते में ट्रांसफर किये जाते है।

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