मुनस्यारी का ट्रांजिट हॉस्टल लोहाघाट शिफ्ट करने से सीमांत नाराज
मुनस्यारी। उत्तराखंड सरकार द्वारा 3 करोड़ 64 लाख की लागत से मुनस्यारी में बनने वाले ट्रांजिट हॉस्टल को लोहाघाट शिफ्ट किए जाने से चीन सीमा क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों में आंक्रोश छा गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी तथा सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर इस शिफ्टिंग को रद्द नहीं किया गया तो भाजपा के किसी भी मंत्री, मुख्यमंत्री तथा विधायक को सीमांत में घुसने नहीं दिया जाएगा। साथ ही सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कैंपस में चिकित्सा कर्मियों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण के लिए 3 करोड़ 64 लख रुपए स्वीकृत किए गए थे। हॉस्टल के निर्माण कर रही संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग डीडीहाट को उक्त धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध भी करा दी गई है। हॉस्टल के निर्माण के लिए इस बीच भूमि चयन का कार्य चल रहा था कि कि उत्तराखंड सरकार द्वारा मुनस्यारी के लिए स्वीकृत हॉस्टल को लोहाघाट शिफ्ट कर दिया गया है। इसकी सूचना मिलते ही सीमांत के जन प्रतिनिधियों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि सरकार द्वारा आवश्यकता होने पर मुनस्यारी में ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। कार्यदायी संस्था के खाते में स्वीकृत धनराशि तक आ गया था। उसके बाद अचानक बिना किसी कारण के स्वीकृत हॉस्टल का निर्माण स्थल बदलते हुए मुनस्यारी की जगह लोहाघाट किया जाना सीमांत क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव,क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक तथा जिलाधिकारी के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक कार्यदायी संस्था से धनराशि वापस नहीं मांगी गई है। उन्होंने जिलाधिकारी से विशेष अनुरोध किया है कि वह स्वास्थ्य सचिव से बात करते हुए उक्त धनराशि किसी भी कीमत लोहाघाट स्थानांतरित होने से रोकने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि अगर यह धनराशि लोहाघाट चली गई तो भाजपा के किसी भी नेता को सीमांत क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा। चाहे वह मुख्यमंत्री तथा मंत्री क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि भाजपा की असलियत आम जनता को बताई जाएगी।