देहरादून/उत्तराखण्ड: 06 Feb.–2024: उत्ताखण्ड विधानसभा सदन में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत के संविधान की मूल प्रति और समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट की प्रति के साथ विधानसभा की कार्यवाही के लिए सदन में पहुंचे साथ ही पटल पर बिल पेश कर दिया। वही जिसमें विपक्ष की नाराजगी पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ढाई घंटे सदन स्थगित रखा ताकि बिल के अध्ययन के लिए समय मिले। मंगलवार को विधानसभा के पटल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड विधेयक 2022 रखकर इतिहास रच दिया। सदन में बिल पेश करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य हो गया है।
विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा। मिडियिा रिपोर्ट के अनुसार काफ़ी समय से अनुमान लगाए जा रहे थे कि इसमें महिलाओं और विवाह से जुड़े क़ानून को प्राथमिकता दी गई हैं. वहीं ये भी कहा गया था कि इस पैनल ने लैंगिक समानता और सामाजिक एकता की भी सिफ़ारिश की है. समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 के विधेयक में आख़िर क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं, इसको बिंदुवार जानना भी ज़रूरी है.
मिडियिा रिपोर्ट के अनुसार काफ़ी समय से अनुमान लगाए जा रहे थे कि इसमें महिलाओं और विवाह से जुड़े क़ानून को प्राथमिकता दी गई हैं। वहीं ये भी कहा गया था कि इस पैनल ने लैंगिक समानता और सामाजिक एकता की भी सिफ़ारिश की है। समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 के विधेयक में आख़िर क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं, इसको बिंदुवार जानना भी ज़रूरी है।
बता दे कि हाल ही में 02 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में सरकार ने एक पैनल का गठन किया था जिसने इस बिल को लेकर एक रिपोर्ट ड्राफ़्ट की थी। चार खंड की इस ड्राफ़्ट रिपोर्ट में 749 पन्ने हैं।
वही यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) का बिल पेशको लेकर सदन में विपक्ष की नाराजगी पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ढाई घंटे सदन स्थगित रखा ताकि बिल के अध्ययन के लिए समय मिले। शाम करीब साढ़े छह बजे सदन स्थगित हो गया। चर्चा के बाद बुधवार को बिल पारित होने की संभावना है। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने धामी सरकार की तारीफ की तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व एक अन्य विपक्षी सदस्य ने इसे पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग उठाई।
वही जिसमें सदन में करीब 4 भागों में और 800 पन्ने के UCC ड्राफ्ट में कई प्रावधान किए गए हैं। वही ड्राफ्ट में शादी, तलाक, उत्तरधिकारी, चाइल्ड एडॉप्शन पालिसी और पैतृक संपत्तियों में बेटा और बेटी को बराबर का हक़ देने की बात कही गई है। इसके साथ ही ये भी साफ़ कर दिया गया है कि इस विधेयक से अनुसूचित जनजातियों से जुड़े लोग बाहर रहेंगे।