टनल में फंसे मजदूरों को परिजनों से हुई बात! ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार!
–देहरादून/उत्तराखण्ड: 14 Nov.–2023: खबर…. राजधानी से मंगलवार को उत्तरकाशी स्थित निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है। 900 मिमी व्यास के पाइप घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी साइट पर पहुंच गई है। ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है।
निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी बचाव अभियान में रुकावट पैदा कर रही है। ऐसे में अब पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके। मशीन खुदाई करके पाइप डालेगी। माना जा रहा है कि इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है।
सुरंग का दौरा करने के बाद सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा था कि फंसे हुए मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा। रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
-टनल में फंसे श्रमिकों से कराई परिजनों की बातचीत: वही इस घटना के दूसरे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जहां पर भूस्खलन हुआ है वहां पर सॉफ्ट रॉक है जिसके चलते भूस्खलन हुआ है। टनल में रेस्क्यू में जुटे उत्तरकाशी पुलिस के सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार द्वारा टनल के अन्दर फंसे श्रमिकों से पाइप के माध्यम से उनके परिजनों की बातचीत करवाकर धैर्य बंधाया जा रहा है। सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। बीते रविवार से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर हैं।