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एक जरूरतमंद मरीज के लिए स्वास्थ्य सचिव एक नई मिशाल पेश की है!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 04 SEP. – 2023: खबर…. राजधानी से सोमवार को देहरादून स्थित  राजधानी में डेंगू से हालात सबसे अधिक चिंताजनक हैं। इस दौरान यहां पिछले 15 दिनों में तेजी से डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इस मौसम में डेंगू ही नहीं मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। वही जिसमें डेंगू के मरीजों में हल्के और गंभीर दोनों लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इन मरीजों का प्लेटलेट्स ;तेजी से कम होती है। जो खतरनाक माना जाता है।

डॉक्टारो के अनुसार हमारे ब्लड में छोटे और रंगहीन कोशिकाओं के टुकड़े को प्लेटलेट्स कहा जाता है, जो ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं। प्लेटलेट्स बोन मैरो में बनते हैं। एक हल्दी बॉडी में 1.5 लाख से 4.5 लाख तक प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर तक होते हैं। इससे ज्यादा प्लेटलेट्स थ्रोम्बोसाइटोसिस और 1.5 से कम प्लेटलेट्स काउंट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स 30 हजार से नीचे आने पर मरीज के लिए खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाना बेहद जरूरी होता है।

वही इस दौरान आज लोगो को एक तरफ मरीज को भर्ती करने के लिए बेड नही मिल रहे तो वही डेंगू पीड़ितो को प्लेटेट्स भी नही मिल रही है। जिसको लेकर आज प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ0 आर राजेश कुमार ने रक्तदान कर पेश की नई मिशाल, जनता से की अपील स्वैच्छिक रक्तदान कर मरीजों को जिंदगी बचाने के लिए आगे आएं…!

 वही इस दौरान  राज्य में डेंगू और वायरल संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने के बाद से ब्लड बैंकों में खून की मांग पहले के मुकाबले लगातार बढ़ने लगी है। आम दिनों के मुकाबले ब्लड बैंक में आजकल ज्यादा ब्लड डोनरों की आवश्यकता पड़ रही है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार लगातार आम जनमानस से स्वैच्छिक रक्तदान की अपील कर रहे हैं ।

वही इस मौके पर  स्वास्थ्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार  का कहना है कि डेंगू और वायरल बुखार के दौरान जिन मरीजों के प्लेटलेट्स कम हो रहे है उन्हें सबसे ज्यादा ब्लड इश्यू किया जा रहा है। इसके कारण ब्लड की मांग लगातार बढ़ रही है। इसलिए हर स्वस्थ्य व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने नजदीकी सरकारी ब्लड बैंक में पहुंचकर रक्तदान करे और दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करे।

साथ ही उन्होनें  कहा डेंगू से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। वही इस  बीमारी के दौरान खून में प्लेटलेट की संख्या 20 हजार से कम होने लगे तो खतरा बढ़ जाता है और आम तौर पर डाक्टर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव देते हैं। ज्यादातर अस्पतालों में ब्लड प्लेटलेट की मांग बहुत बढ़ गई है और उसकी उपलब्धता बहुत कम है। इसकी आपूर्ति के लिए जरूरी है कि हम स्वैच्छिक रक्तदान करें जिससे कि गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके।

वहीं इस सबके बीच स्वास्थ्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार डॉ0 आर राजेश कुमार  ने एक जरूरतमंद मरीज के लिए रक्तदान कर एक नई मिशाल पेश की है। स्वास्थ्य सचिव द्वारा रक्तदान कर संदेश दिया कि रक्तदान कर अन्य लोग भी खून की कमी के चलते जिंदगी की जंग लड़ रहे मरीजों को जिंदगी बचाने के लिए आगे आएं। हम सबको मिलकर इस लड़ाई को लड़ना होगा। आम जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को आगे आयें। स्वास्थ्य सचिव ने कहा रक्त प्रकृति का एक ऐसा अनुपम उपहार है जो वैैज्ञानिक तकनीकों के जरिये प्रयोगशालाओं में नहीं तैयार किया जा सकता है। ऐसे में रक्तदान करने से ही गंभीर मरीजों के लिए रक्त की कमी को दूर किया जा सकता है।

जिस तरह लगातार डेंगू के मरीजो की संख्या बढ़ रही रही है। वही डेंगू सेे भर्ती मरीजो से सभी जगह अस्पतालो में बैड फुल है। साथ लोगो को एक तरफ मरीज को भर्ती करने के लिए बेड नही मिल रहे तो वही डेंगू पीड़ितो को प्लेटेट्स भी नही मिल रही है। जिसको लेकर आज प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ0 आर राजेश कुमार ने रक्तदान कर पेश की नई मिशाल, जनता से की अपील स्वैच्छिक रक्तदान कर मरीजों को जिंदगी बचाने के लिए आगे आएं…!

 

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