देहरादून, 7 अप्रैल 2024, रविवार को उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गज नेता दिनेश अग्रवाल आज देहरादून में बलबीर रोड़ स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट के सानिध्य में भाजपा में शामिल हो गए। वह लंबे समय से कांग्रेस में थे।
वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया था। गत दिवस शनिवार को लंबे गिले-शिकवों के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। दिनेश अग्रवाल सात बार विधायक का टिकट पाने, मेयर का टिकट पाने और वर्ष 2014 मे प्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। आज प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने पूर्व मंत्री एवं पीसीसी सदस्य दिनेश अग्रवाल और नगर निगम पार्षद राजेश परमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
इस दौरान दिनेश अग्रवाल 1993 और 1996 में उत्तर प्रदेश के समय देहरादून विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हरबंस कपूर से हार गए। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 में लगातार दो चुनाव में उन्होंने लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी को हराया। फिर 2012 में धर्मपुर विधानसभा सीट पर प्रकाश ध्यानी को हराकर विधायक बने। 2017 के चुनाव में वह भाजपा के विनोद चमोली से हार गए। इसके बाद 2018 में मेयर नगर निगम का चुनाव भी हार गए। इन दो हार के बाद से दिनेश अग्रवाल पार्टी में तो रहे, लेकिन उनकी भूमिका ज्यादा प्रभावशाली नहीं थी।
पिछले कुछ दिनों से उनके बगावती सुर सुनने को मिलने लगे थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें मनाने की पुरजोर कोशिश की।
आज उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा की कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। हरीश रावत ने यह बात उनकी सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिनेश अग्रवाल के पार्टी छोड़ने पर प्रतिक्रिया में कही।
उनका कहना है कि कारण तलाशने होंगे कि सात बार विधायक का टिकट पाने, मेयर का टिकट पाने और मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद पाने वाले ने पार्टी क्यों छोड़ी। जिसका अपने क्षेत्र में पूरा आधिपत्य रहा, मजबूत स्थिति में रहे हों, ऐसे लोगों को पीछे नहीं हटना चाहिए और भाजपा में तो कतई नहीं जाना चाहिए था।