जितिया व्रत 6 या 7 अक्टूबर को, जानें पूजा का सही मुहूर्त और पारण!
देहरादून/उत्तराखण्ड: 6 Oct.–2023: शुक्रवार को हिन्दू धर्म के धार्मिक गुरू/ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस साल 2023 जितिया व्रत किस तारीख को रखा जाए? जितिया व्रत का पूजा मुहूर्त क्या है? आइए जानते है इस व्रत का फल एवं महत्व! वही जिसमें इस बार जितिया व्रत की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखें या फिर 7 अक्टूबर को? दरअसल जितिया व्रत की तारीख को तय करने के कुछ नियम हैं, जिसमें उदयातिथि के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. उदयातिथि के आधार पर जितिया व्रत रखने के लिए अलग स्थितियां होती हैं. व्रत के पारण समय और पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर भी जितिया व्रत की तारीख तय की जाती है. इसके अलावा अष्टमी तिथि प्रदोष में दो दिन हो तो काल की प्रधानता और नवमी तिथि में पारण को ध्यान में रखते हुए जितिया व्रत दूसरे दिन करना उचित है. पहले दिन व्रत रखने पर पारण अष्टमी में ही होगा, जो दूषित माना जाता है.
हिन्दू धर्म के भविष्य पुराण के अनुसार, आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत रखते हैं. इसके लिए आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रदोषव्यापिनी होना आवश्यक है. यदि अष्टमी पहले दिन प्रदोष में है और दूसरे दिन नहीं है तो जितिया व्रत पहले ही दिन करना उत्तम है. अष्टमी तिथि के समापन के बाद नवमी में व्रत का पारण करें. भविष्य पुराण में अष्टमी तिथि में जितिया व्रत का पारण वर्जित है. यदि अष्टमी तिथि में प्रदोष काल नहीं है तो जितिया व्रत उदयातिथि के आधार पर अष्टमी को रखते हैं. इसका अर्थ है कि आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि में प्रदोष काल होना चाहिए क्योंकि उस समय में जितिया व्रत की पूजा करते हैं. माताएं राजा जीमूतवाहन की पूजा करती हैं.