देहरादून/उत्तराखण्ड: 11 AUGUST .. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को देहरादून स्थित बता दे कि देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत परेड मैदान के सौंदर्यीकरण का काम किया गया। वही जिसमें परेड ग्राउंड के निर्माण कार्यों के दौरान दो मंच बनाए गये है। वही स्मार्ट सिटी के अधिकारियों द्वारा मंगाई गई कई प्रजातियों की घास करीब 38 से 40 लाख की लागत व दुसरा करीब पहले से दुगनी धनराशी का बना गया जिसमें लाखो रूपय का पलीता लगा दिया है।
वही हकीकत ये है कि परेड ग्राउंड में लाखो रूपये की लागत से मखमली घास बिछाई गई साथ सुंदर फूल पौधे एवं पेड भी लगाए लेकिन इन सब को किस तरह बर्बाद किया। वही इस परेड ग्राउंड में 10 लाख की घास लगाई थी। वही अन्य पेड, पौधो सहित सूत्रो की माने तो यह नुकसान करीब 78 लाख रुपये से अधिक का बताया गया है।
वही जिसमें परेड ग्राउण्ड में निर्माणाधीन किड जोन में लाखो की लागत से बिछाई घास पर रेत व बजरी डालकर उस पर बुल्डोजर चला कर परेड के लिए पथ तैयार कर दिया। साथ ही आस पास लगे सुंदर पुष्प व साज सज्जा पेड़ भी कुचल दिए गए। जब इस मामले पर हमारे रिपोर्टर ने संबंधित अधिकारियों से पूछना चाह की लाखों खर्च के बाद इतनी किमती मखमली घास व सुंदर फूल पौधे लगाने का क्या फायदा जिसपर ऐसे रेत व बजरी डालकर बुल्डोजर चलाया गया। वही इस पर कोई कुछ बोलने को तैयार नही हुआ। ओर बगले झंकने लगे। इस दौरान डीएम द्वारा निर्देशानुसार परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारियों को युद्ध स्तर पर अधिकारियों केा मंच निर्माण कार्य के साथ ही सीटिंग व्यवस्था, बेरिकेटिंग, साज.सज्जा कार्यों को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बता दे कि पीछले कुछ महीनो के दौरान विभागीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून परेड ग्राउंड में 10 लाख की मखमली घास की फिजूलखर्ची मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं। प्रेमचंद अग्रवाल इस लाखो की घास पर लाखो खर्च मामले में जांच की बात कही है! आपको बताते चले कि स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम हेतु ध्वजारोहण की तैयारिया जोरो पर है।
बता दे कि देहरादून से भाजपा के तीन विधायकों विनोद चमोली, खजानदास और उमेश शर्मा काऊ ने कार्य की सुस्त गति और गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई की मांग की।मोदीमोदी सरकार ने 2017 में देहरादून को स्मार्ट सिटी परियोजना की जो सौगात दी थीए वह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है। सुस्त रफ्तार और खराब गुणवत्ता पर जहां वही इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को फटकार लगाईए सरकार ने 2017 में देहरादून को स्मार्ट सिटी परियोजना की जो सौगात दी थी!
वह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है। सुस्त रफ्तार और खराब गुणवत्ता पर जहां मुख्यमंत्री ने अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने बताया। । लेकिन यह अधिकारी व निर्माणदायी एजेंसियांें इतनी बेशरर्म है कि फिर ये कार्य धीमी गति व गुणवंता पर कोई तवज्जो नही दे रहे है। फिर भी ऐसे में इसमें लापरवाही बरतने वाले अफसरों, इंजीनियरों और निर्माणदायी एजेंसियों पर कार्रवाई क्यो नही हो रही। ये एक बड़ा सवाल है। वही यह स्मार्ट सिटी को जनता के लिए सिरदर्द बन गई है।