
उत्तराखंड: 08 नवंबर 2025, शनिवार को देहरादून / राजधानी स्थित उत्तराखंड एम्स ऋषिकेश में आयोजित यूकेसीएसआई के सम्मेलन में हृदय रोगों के इलाज में नवीनतम तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान साईंटिफिक एजेन्डे के तहत विभिन्न सत्रों में कार्डियोलाॅजी की बारीकियों, समस्याओं और उनके सरलतम निदान पर विभिन्न कार्डियोलाॅजिस्ट विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा व्याख्यान दिए गए।
कार्डियोलाॅजिस्ट सोसाईटी आफ इन्डिया, उत्तराखण्ड चैप्टर (यू.के.सी.एस.आई.) के राष्ट्रीय सम्मेलन (7-9 नवम्बर) के दूसरे दिन देशभर से आए कार्डियोलाॅजिटों ने हृदय रोगों की जटिलताओं और उनके इलाज पर व्यापक चर्चा कर इलाज की आधुनिक व नयी तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने कहा गया कि तेजी से बढ़ रहे हृदय रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। चिंता व्यक्त की गयी कि वर्तमान दौर में युवा वर्ग भी हृदय रोग की चपेट में आने लगे हैं।
सम्मेलन में एक्यूट कोरोनरी सिन्ड्रोम, मास्टेरिंग काॅम्पलेक्स पीसीआई, स्टेंटलेस पीसीआई, क्रोनिक टोटल आक्लूसिओन्स, स्ट्रक्चल हार्ट इंटरवेंशन्स, पेसमेकर एण्ड रेथम तथा पिडियाट्रिक काॅर्डियोलाॅजी जैसे हृदय रोग के कई महत्वपूर्ण विषयों पर वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए।
डाॅ. बरूण कुमार (सम्मेलन के आयोजन सचिव और एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलाॅजिस्ट) ने बताया कि हाल की के वर्षों में कार्डियोलाॅजी के क्षेत्र में कई इंटरवेंशनल तकनीकें विकसित हुई है, जो गंभीर रोगों में भी समय पर सही इलाज देकर रोगियों को स्वस्थ कर सकती हैं।
सम्मेलन में एम्स ऋषिकेश की डीन एकेडमिक और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो. जया चतुर्वेदी, पीजीआई चण्डीगढ़ के पूर्व निदेशक और पीएसआरआई अस्पताल दिल्ली के कार्डियक साईंसेज के चेयरमैन प्रो. के.के. तलवार, सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डाॅ. अमर पाल सिंह गुल्हाटी, सह आयोजन अध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल, आयोजन सचिव डाॅ. बरूण कुमार, कन्वेनर डाॅ. प्रीति शर्मा सहित डाॅ. आम्रपाली गुल्हाटी, डाॅ. अमर उपाध्याय, डाॅ. राज प्रताप सिंह, डाॅ. तनुज भाटिया, डाॅ. प्रकाश पन्त, डाॅ. शिष्य पाल सिंह, डाॅ. अनुराग रावत, डाॅ. सलिल गर्ग सहित इन्टरनेशनल फेकल्टी डाॅ. फिरोज अब्दुल, डाॅ. चेतन वर्मा और डाॅ. विनोद शर्मा, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. सुवेन कुमार के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के कार्डियोलाॅजिस्ट व मेडिकल के डीएम/डीएनबी छात्र मौजूद रहे।



