
उत्तराखंड: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को देहरादून । उत्तराखंड में सरकार ने राज्यभर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा और फायर सेफ्टी को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर सचिवालय में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने की। बैठक में यह निर्देश दिया गया कि राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा, हर महीने ड्रिल प्रैक्टिस आयोजित की जाएगी और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा।
इस दौरान सचिव ने स्पष्ट किया कि अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ अजय आर्य, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ आर एस बिष्ट सहित यूपीआरएल (U.P.R.L.) के प्रतिनिधि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया कि अग्नि संकटी से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस संदर्भ में सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का मौखिक अनुरोध किया।
साथ ही सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि स्प्रिंकलर, मोटर्स एवं अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए, ताकि किसी आपात स्थिति में तत्परता सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा उन्होंने निदेशक, चिकित्सा शिक्षा को आदेशित किया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक माह फायर मॉक ड्रिल कराई जाए। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए गए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्टूबर 2025 तक और सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवम्बर 2025 तक हस्तांतरित कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान: राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अस्पतालों के लिए सख्त संदेश: उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी को लेकर किसी भी स्तर की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन को समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
इस पहल के माध्यम से राज्य सरकार ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि मरीजों की जान और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सर्वोपरि है। राज्यभर में चलाया जा रहा फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान अस्पतालों की सुरक्षा को मजबूत करने और आपातकालीन तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।