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त्योहारी सीजन में जांच की रफ्तार तेज, छापेमारी अभियान जारी

 उत्तराखंड: 07 Oct.2025,मंगलवार को देहरादून / राजधानी स्थित  उत्तराखंड में  त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग यानि एफडीए का सघन अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजार में बिक रहे मावा, पनीर, घी, दूध और मिठाइयों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

उत्तराखण्ड सरकार के  स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ. आर. राजेश कुमार ने त्योहारी सीजन में अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी को निर्देशित किया है कि सभी जनपदों में निरंतर निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाया जाए। राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके। विभागीय टीमें मोबाइल वैन के माध्यम से तेजी से सैंपलिंग कार्य कर रही हैं।

 
साथ ही आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में जाकर मावा, खोया, पनीर, मिठाई और तेल जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं।

 
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी स्वयं विभिन्न जिलों में चल रहे छापेमारी अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

साथ ही अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र में नकली डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर विभाग की विशेष नजर है। आने वाले दिनों में लगातार कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने आज सुबह लगभग 5 बजे भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में एक वाहन को रोककर जांच की। वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणीकरण और स्वास्थ्य मानकों के पनीर सप्लाई की जा रही थी। जांच में यह भी पाया गया कि उत्पादों पर किसी प्रकार का एफएसएसएआई मानक अंकन या लेबलिंग नहीं थी, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। 

इसी क्रम में ऋषिकेश में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। एक वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर सप्लाई करते हुए पाया गया। इन सभी उत्पादों के पास गुणवत्ता प्रमाण पत्र या अनुमोदन दस्तावेज नहीं थे। टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त किए और नमूने जांच हेतु भेज दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य और उपभोक्ता सुरक्षा है। उन्होंने कहा किजनता से भी अपील की है कि वे गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग करें, असत्यापित उत्पाद खरीदने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को दें।

 
वही उत्तराखण्ड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित भोजन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य बल्कि समाज के समग्र विकास की नींव है। सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी रोकने के लिए विभाग को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे “त्योहारी सीजन में चौकन्ने रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

 
इस दौरान  उत्तराखण्ड सरकार के अपर आयुक्त ने बताया कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्यभर में जन जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पहचानने के तरीके बताए जा रहे हैं। विभाग ने यह भी कहा कि उपभोक्ता किसी संदिग्ध खाद्य उत्पाद या विक्रेता की सूचना खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की हेल्पलाइन या स्थानीय कार्यालय में तुरंत दें।

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